
आज गणेश चतुर्थी का पावन अवसर है। आज के दिन पूरे भारत में गणेश चतुर्थी की धूम मची हुई है। मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। यह उत्सव हर साल ही 10 दिनों तक मनाया जाता है। आज से इस उत्सव की शुरुआत हो गई है। माना जाता है कि गणेश जी के विभिन्न रूप हमारी रक्षा करते हैं। अगर वास्तु के हिसाब से खुश रहना चाहते हैं तो आपको गणेश जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। आज हम आपको पूजा करने के तरीकों के बारें में बताना चाहते हैं।

इन दोषों का प्रभाव
घर या कार्यस्थल के किसी भी भाग में वक्रतुण्ड की प्रतिमा अथवा चित्र लगाए जा सकते हैं। यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी स्थिति में इनका मुंह दक्षिण दिशा या नैऋत्य कोण में ना हो।
घर के मुख्य द्वार पर एकदंत की प्रतिमा या चित्र लगाया गया हो तो दूसरी तरफ ठीक उसी जगह पर दोनों गणेशजी की पीठ मिली रहे। इस प्रकार से दूसरी प्रतिमा या चित्र लगाने से वास्तु दोषों का शमन होता है।
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घर में बैठे हुए गणेशजी तथा कार्यस्थल पर खड़े गणपतिजी का चित्र लगाना चाहिए, ध्यान रखें कि खड़े गणेशजी के दोनों पैर जमीन का स्पर्श करते हुए हो। इससे कार्य में स्थिरता आती है।
घर में सफेद मदार की जड़ से बने गणेश जी की मूर्ति रखने से नौकरी और बिजनेस में उन्नति होती है। इनके प्रभाव से धन लाभ तो होता ही है साथ ही घर में हर तरह का दोष खत्म हो जाता है।
सुख, शांति, समृद्धि की चाह रखने वालों के लिए सफेद रंग के विनायक की मूर्ति, चित्र लगाना चाहिए। सर्व मंगल की कामना करने वालों के लिए सिन्दूरी रंग के गणपति की आराधना अनुकूल रहती है।





