2019 की आहट से एक्टिव हुआ राम मंदिर मुद्दा, धार्मिक संगठनों के बीच छिड़ी बहस

रिपोर्ट- अर्सलान समदी

लखनऊ। लोकसभा इलेक्शन क़रीब आते ही एक बार फिर से राम मंदिर निर्माण को लेकर बहस तेज़ होती दिख रही है जिसमे सियासी पार्टियों से लेकर शिया वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन और उलमा भी शामिल दिखायी देने लगे है। इस बहस में अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहने वाले शिया वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने भी मंदिर निर्माण को लेकर अपना बड़ा बयान जारी किया है।

ram mandir

उनका कहना है के पुरातत्व की खुदाई के दौरान मंदिर होने के निशान मिले थे जिससे यह साबित हुआ था के मस्ज़िद के नीचे मंदिर था और मंदिर को तोड़ कर मस्ज़िद बनायी गयी थी ऐसे मामले में उसको बाबरी मस्ज़िद कहना इस्लाम के ख़िलाफ़ है इस दौरान वसीम रिज़वी ने एक बार फिर से अपने बयान को दोहराते हुए कहा के इस मसले पर समझौता करके राम मंदिर की जगह हिन्दुओ को वापस की जाये और लखनऊ में मस्जिदे अमन तामीर हो जाये।

हालांकि वसीम रिज़वी के इस बयान से उलमा कही से सहमत नज़र नहीं आते है दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निज़ामी का कहना है के बाबरी मस्जिद को लेकर अपने ज़ाती फायदे के लिये कुछ लोग सियासत कर रहे है। उनका कहना है के जब मामला कोर्ट में जाऱी है तो क्या हक़ीक़त है।

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इस पर कोर्ट फैसला करेगा साथ ही उन्होंने कहा के वसीम रिज़वी की बदजुबानी हद से ज़्यादा बढ़ गयी है ऐसे में शिया सुन्नी भाइचारे को ख़त्म करने की कोशिश की जा रही है ज़िला प्रशासन को चाहिए के ऐसे मसले को संजीदगी से ले ताकि ऐसे शख्स दो क़ौमों के बीच मे फसाद न कराने पाये।

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