भोले बाबा के दूत साबित हो रहे गोताखोर, गंगा की धारा से बचा रहे श्रद्धालुओं की जान

रिपोर्ट- संजय आर्य

हरिद्वार। उत्तराखंड के हरिद्वार से लेकर गौमुख तक भक्ति का ऐसा सैलाब उमड़ा है की हर तरफ शिव भक्त ही दिखाई दे रहे है चारोतरफ बम बम भोले के जय कारे के साथ शिव भक्त अपने अपने निकटतम शिवालयों पर जल लेकर जा रहे है। अनुमान के मुताबिक पूरे सावन मास में लगभग एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु मेले में कांवड़ लेकर आएंगे लेकिन इस दौरान कई घटनाये ऐसी हो रही है की गंगा में नहाते हुए कई शिव भक्त गंगा में बह जा रहे है ऐसे में इन के लिए गंगा में तैनात गोताखोर किसी देव दूत से कम साबित नहीं हो रहे है।

गौताखोर

हम इस अभियान में शामिल हुए और जाना की किस तरह से गंगा की तेज़ धारा में ये लोग रेस्क्यू कर रहे है कैसे मटमैले जल में ये गोताखोर शिव भक्तो की जान बचा रहे है हरिद्वार में चारो तरफ शिव भक्त ही दिखाई दे रहे है ऐसे में इनकी सुरक्षा के लिए पुलिस ने भी चाकचौबंद इंतजाम किये है हरिद्वार के हरकीपौड़ी से लेकर ज्वालापुर तक पुलिस के ऐसे गोताखोरों की 4 टीमों को तैनात किया जो हर तरह की लहरों में से इंसानो को बहते हुए   निकालने में माहिर होते है हरिद्वार के कांगड़ा घाट हरकीपौड़ी अलकनंदा घाट सहित ज्वालापुर में टीमों को तैनात किया गया है

अलकनंदा टीम को लीड कर रहे प्रीतम का कहना है की गंगा में जल इस वक्त बेहद तेज़ है और मिट्टी भी आ रही है ऐसे में कई बार बोट का सहारा भी काफी नहीं होता है और हमें तैर कर बचाव कार्य करना पड़ता है क्योंकि इस पानी में अचानक कोई बहते हुए नीचे  डूब जाता है ऐसे ही लगभग 30 से ज्यादा लोगो को हम 5 दिनों में बचा चुके है इतना ही नहीं दिन के 24 घंटे पानी में ही रहना पड़ रहा है क्योंकि किसी भी सूचना आने के बाद हमे इतना भी समय नहीं मिलता की लाइफ जैकेट पहन ले इस लिए उनकी नजरे 24 घंटे पानी में ही रहती है।

उनके साथ तैनात गौरव कहते है की उनका काम है वैसे तो लोगो को बचाने का ही है लेकिन ये काम हम इस लिए भी पूरी तत्परता से कर रहे है क्योंकि ये शिव भक्त बहुत उम्मीद और श्रद्धा से यहाँ आ रहे है इस लिए इनको बचा कर हमें बहुत सुकून मिलता है गौरव की माने तो ज्यादा तर लोग या तो पैर फिसलने से गंगा में बहा रहे है।

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हरिद्वार में गोताखोरों की ये टीम हकीकत में देश दूत से कम नहीं है। 8-8 लोगो की ये टीम वही  है जिन्होंने साल 2013 की आपदा में सैंकड़ो लोगो की जान बचाई थी इतना ही नहीं 12 महीने ये टीम इसी तरह से हरिद्वार ऋषिकेश में तैनात रहती है।

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