सपा को लगा सबसे बड़ा राजनीतिक झटका, नेता प्रतिपक्ष का छिना दर्जा

यूपी के विधान परिषद में समाजवादी पार्टी को कल एक बड़ा झटका लगा है, बताया जा रहा कि, उत्तर प्रदेश की विधान परिषद में उसके सदस्यों की सख्या 10% से कम हो गयी है। जहां सदन में 10 लोगों का कार्यकाल समाप्त हो गया। वही कार्यकाल समाप्त होने और नए निर्वाचित सदस्यों के आने के बाद अब सदन में समाजवादी पार्टी के विधायकों की कुल संख्या 9 रह गई है।

वही विपक्ष में किसी भी दल के सदस्य को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता के लिए उसके पास सदन की कुल संख्या का 10 प्रतिशत हिस्सा होना अनिवार्य है। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के पद पर सपा के लाल बिहारी यादव को सबसे कम समय मिला है, उन्‍हें केवल 41 दिन का कार्यकाल मिला, 27 मई को नेता प्रतिपक्ष बने लाल बिहारी यादव को कल हटा दिया गया, इससे पहले नेता प्रतिपक्ष रहे डॉ संजय लाठर को 60 दिन का कार्यकाल मिला था।

आपको बता दे कि 1947 के बाद यानी देश के आजाद होने के बाद यह पहला मौका है, जब विधान परिषद में कोइ नेता प्रतिपक्ष ही नहीं होगा ।इससे पहले बुधवार को विधान परिषद में समाजवादी पार्टी के 2 एमएलसी समेत 12 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हुआ है। जिन12 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हुआ उसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ केशव प्रसाद मौर्य ,चौधरी भूपेंद्र सिंह शामिल हैं।

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