बढ़ते बच्चों के यूं सिखाएं विनम्रता का पाठ, नहीं होगी कोई परेशानी

आजकल के बच्चें जन्म लेने के बाद से ही काफी तेज हो जाते हैं। ना अपने बड़ों के लिए उनके दिल में कोई भाव है ना ही छोटों के लिए सहानुभूति। बड़ों के देखभर भी उन्हें नज़रअंदाज़ करके आगे निकल जाना, किसी की मदद न करना, गलत शब्दों के उपयोग करना टीनएजर्स में यह सब बातें आम हो गई हैं। अपने बच्चों की यह सब बातें देखकर आपको भी बुरा लगता होगा। लेकिन अब समय है उन्हें समझाने का जो पेरेंट्स होने के नाते आपसे अच्छा कोई और कर ही नहीं सकता है।

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सिखाएं मैनेजमेंट

कई बार बच्चें अपनी हर मांग को पूरा करने के लिए घर को अपने सर पर उठा लेते हैं मतलब कि घर को तोड़भोड़, जोर से चिल्लाना शुरू कर देते हैं। इतना ही वह घर में काफी हिंसक भी हो जाते हैं। रूठते हैं जिद भी करते हैं। लेकिन जब वह ऐसा करें तो उनकी बात गलती से भी ना मानें क्योंकि ऐसा करने से उनके पास गलत संदेश जाएगा और वह अगली बार यही काम करेंगे। उनको लगेंगा कि घर को सर पर उठा लेने से मांग पूरी हो जाती है। ऐसी स्थिति में पहले उससे शांत रहने को कहें। फिर उन्हें समझाएं और उनकी बात मानते हुए उनकी मान को पूरा कर दें।

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विनम्र बनना सिखाएं

केवल परिवार के साथ ही नहीं बल्कि आसपास के उन सभी लोगों के प्रति विनम्र व्यवहार अपनाना चाहिए, जो किसी न किसी भी रूप में हमारे मददगार होते हैं। मसलन घरेलू सहायक, ड्राइवर, सफाई कर्मचारी और सिक्युरिटी गार्ड आदि। बच्चे को समझाएं कि ये सभी लोग हमारी मदद करते हैं, इसलिए हमें इनके साथ प्यार से पेश आना चाहिए। उसमें ऐसी आदत विकसित करें कि वह ऐसे लोगों के लिए अंकल-आंटी या भैया-दीदी जैसे सम्मान सूचक संबोधनों का प्रयोग करे। अगर आप रोज़मर्रा के सामान खरीदने बाज़ार जाती हैं तो अपने बच्चे को भी अपने साथ लेकर जाएं। उसे सिखाएं कि अगर रास्ते में कोई परिचित अंकल-आंटी मिलें तो उन्हें नमस्ते ज़रूर करना चाहिए। इससे उसे सामाजिक व्यवहार सीखने में मदद मिलेगी।

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बड़ों का सम्मान

बच्चों की शैतानियां तो किसे अच्छी नहीं लगती है। जब बच्चा कुछ गलत बोलता है ते लोगों के उसके मुंह से निकला वह शब्द सुनने में बहुत अच्छा लगता है। लोग बच्चों के इस बात पर उससे नाराज होने के स्थान पर हंसते हैं। जिससे बच्चें को गलत संदेश मिलता है कि उनके ऐसा करने से सब खुश होते हैं। यह बेहद जरूरी है कि आप अपने बच्चों के साथ समय बिताए लेकिन वह जो भी गलत कर रहा है उसपर पर्दा डालने के स्थान पर उसे समझाएं। अपने बच्चें को जिम्मेदार बनाएं। बच्चें को छोटी उम्र से ही लोगों की मदद करना सिखाएं।

 

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