सचमुच बदल गई है राजनीति… जिन्होंने देश को जोड़ा आज उन्हें ही तोड़ रहे लोग

नई दिल्ली। राजनीति में एक अच्छी सरकार के लिए कुशल विपक्ष का होना बहुत जरुरी माना जाता है। इसके बलबूते जनता को प्राथमिक सुविधाओं से वंचित ना रहने में बड़ी मदद मिलती है। लेकिन आजकल की राजनीति जनता के हित की नहीं बल्कि ध्रुवीकरण करने की हो चली है। आलम ये है कि राजनीति का स्तर दिन-ब-दिन नीचे गिरता जा रहा है।

सुभाष चंद्र बोस

अब आप खुद ही देख लें आजकल मूर्तिओं को तोड़ने का सिलसिला क्या चला है। मानो सभी अपनी भूख प्यास छोड़ इस क्रांतिकारी ढ़र्रे पर चल पड़े हैं। अब इनमें ज्ञान का आभाव है या राजनीतिक चाटुकारिता की शुरुआत। हो कुछ भी नुकसान देश का ही हो रहा है।

उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल के बाद अब मध्यप्रदेश में भी एक और महापुरुष की प्रतिमा से छेड़छाड़ की घटना सामने आई है। उपद्रवियों ने इस बार नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा को निशाना बनाया है।

मामला जबलपुर का है जहां अराजक तत्वों  ने नेताजी की प्रतिमा को लाल रंग से पोत दिया। मामला संज्ञान में आने के बाद स्था़नीय प्रशासन जागा।

खबरों के मुताबिक, श्रीनाथ के तलैया इलाके में सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति स्थित है। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस पहुंच गई और आसपास के क्षेत्रों में लोगों से पूछताछ की। लेकिन, प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ करने वाले का पता नहीं चल सका। वहीँ इस मसले पर स्थानीय लोगों का कहना है कि जबलपुर समेत महाकौशल में वामदलों के समर्थक लंबे समय से सक्रिय हैं।

बता दें यह कोई पहली बार नही है इससे पहले भी शहर में प्रतिमाओं के साथ छेड़छाड़ करने की घटना सामने आ चुकी हैं।

लेनिन की मूर्तियों से शुरू हुआ सिलसिला

पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में हाल में खत्म हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को बड़ी जीत मिली थी। माणिक सरकार के नेतृत्व  वाली वाम सरकार को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी।

चुनाव परिणाम आने के बाद राज्य  में लेनिन की दो मूर्तियों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। राज्य में कई जगह हिंसक घटनाएं भी हुई थीं। वामदल ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले करने का आरोप लगाया था।

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इसके बाद तमिलनाडु के भाजपा नेता ने पेरियार की मूर्ति को अगला निशाना बनाने की बात कही थी। सोशल मीडिया पर उनके पोस्टर के बाद दक्षिणी राज्य  में पेरियार की प्रतिमा को भी नुकसान पहुंचाया गया था। हालांकि, भाजपा नेता ने बाद में पोस्ट हटाते हुए माफी भी मांगी थी।

अभी इस पर विवाद थमा भी नहीं था कि पश्चिाम बंगाल में श्यामा प्रसाद मुखर्जी और उत्तर प्रदेश में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमाओं को क्षतिग्रस्त करने की घटना सामने आ गई थी। यही नहीं उपद्रवियों ने केरल में महात्मा गांधी की मूर्ति को नुकसान पहुंचाया था।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने लेनिन और पेरियार की मूर्तियां तोड़ने में पार्टी कार्यकर्ताओं का हाथ होने पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए राज्यों के पार्टी अध्यक्षों से बात की थी और उन्हें  कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करने की सख्त निर्देश दिए थे।

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