इच्छा मृत्यु के ये हैं सिर्फ दो तरीके, जानिए किन देशों में ‘मरने का अधिकार’
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मरणासन्न व्यक्ति द्वारा इच्छा मृत्यु के लिए लिखी गई वसीयत (लिविंग विल) को सशर्त मान्यता दे दी। आज यानी शुक्रवार (9 मार्च) आए इस ऐतिहासिक फैसले के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हर व्यक्ति को गरिमा के साथ मरने का अधिकार।
साथ ही उच्चतम न्यायालय ने कहा कि किसी भी इंसान को इससे वंचित नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने इच्छामृत्यु के लिए एक गाइडलाइन जारी की है, जो कि कानून बनने तक प्रभावी रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी गाइडलाइन में कहा कि इच्छामृत्यु पर आखिरी फैसला मेडिकल बोर्ड करेगा फैसला। बोर्ड तय करेगा कि इलाज संभव है या नहीं। कोर्ट ने कहा कि अगर मेडिकल बोर्ड कहेगा कि इलाज संभव नहीं तो लाइफ सपोर्ट सिस्टम हटा सकते हैं।
इच्छामृत्यु को सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंजूरी दिए जाने के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जहां किसी न किसी रूप में दया मृत्यु को कानूनी मान्यता प्रदान की गई है।
रोगियों की इच्छा से दी जाने वाली मृत्यु को स्वैच्छिक इच्छामृत्यु कहा जाता है। इच्छा मृत्यु के मामले दो तरह के होते हैं। एक निष्क्रिय इच्छा मृत्यु और दूसरी सक्रिय इच्छा मृत्यु।
परोक्ष इच्छामृत्यु को आमतौर पर ऐसी परिस्थितियों के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसमें जानबूझकर उपचार को रोक दिया जाता है ताकि रोगी की मृत्यु हो जाए।
उदाहरण के तौर पर यदि किसी रोगी को जीवित रहने के लिए गुर्दे को डायलेसिस की जरूरत है और डॉक्टर डायलेसिस मशीन को हटा ले ताकि रोगी की शीघ्र मृत्यु हो सके।
हालांकि, इच्छामृत्यु का यह तरीका सक्रिय इच्छामृत्यु से एकदम विपरीत है। जिसमें विषाक्त या घातक पदार्थ के जरिये रोगी को ‘मुक्ति’ दे दी जाती है।
आमतौर पर इच्छामृत्यु को आपराधिक मौत समझा जाता है, लेकिन कई देशों में स्वैच्छिक आधार पर परोक्ष इच्छामृत्यु को गैर आपराधिक माना जाता है।
इन देशों में इच्छा मृत्यु को मंजूरी-
अमरीका- यहां सक्रिय इच्छा मृत्यु ग़ैर-क़ानूनी है। लेकिन ओरेगन, वॉशिंगटन और मोंटाना राज्यों में डॉक्टर की सलाह और उसकी मदद से मरने की इजाज़त है।
स्विट्ज़रलैंड- यहां ख़ुद से ज़हरीली सुई लेकर आत्महत्या करने की इजाज़त है, हालांकि इच्छा मृत्यु ग़ैर- क़ानूनी है।
नीदरलैंड्स- यहां डॉक्टरों के हाथों सक्रिय इच्छा मृत्यु और मरीज की मर्ज़ी से दी जाने वाली मृत्यु पर दंडनीय अपराध नहीं है।
बेल्जियम- यहां सितंबर 2002 से इच्छा मृत्यु वैधानिक हो चुकी है।
आयरलैंड- किसी व्यक्ति की मृत्यु में सक्रिय सहयोग देना गैरकानूनी है। दूसरी सूरत में किसी व्यक्ति के अनुरोध पर जीवनरक्षक प्रणाली हटाने और उपचार रोक देने को गैरकानूनी नहीं माना जाता है। दूसरे शब्दों में परोक्ष इच्छामृत्यु कानूनी है।
ब्रिटेन, स्पेन, फ्रांस और इटली जैसे यूरोपीय देशों सहित दुनिया के ज़्यादातर देशों में इच्छा मृत्यु ग़ैर-क़ानूनी है।