तालिबान ने भारत की ओर बढ़ाया ‘दोस्ती का हाथ’, केंद्र ने दिया जवाब
तालिबान की कथनी और करनी में फर्क होगा या नहीं, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। मगर अभी तालिबान ने भारत के साथ दोस्ताना संबंध बनाने के लिए कई बार प्रयास किया हैं। तालिबान ने कहा था कि अफगान की धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होगा साथ ही तालिबानी शासकों ने भारत की चिंताओं को दूर करने में भरपूर सहयोग करने की इच्छा जताई है। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने गुरुवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों के साथ ही अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा की।

तीन दिन अमेरिकी दौर पर गए भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने वाशिंगटन डीसी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि फिलहाल हम पाकिस्तान पर नजर बनाए हुए हैं कि अफगानिस्तान में तालिबानी हुकूमत के बाद उसका कैसा रुख रहेगा।
श्रृंगला ने कहा कि ‘भारत को एक महीना संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता करने का मौका मिला। इस दौरान चार प्रस्ताव को स्वीकार किया गया, लेकिन अफगानिस्तान में तालिबान शासकों के साथ द्विपक्षीय संबंध बनाने पर कोई फैसला नहीं लिया गया है, क्योंकि इस पर वैश्विक स्तर पर बातचीत करने की जरूरत है।’
साथ ही श्रृंगला ने अफगानिस्तान में फंसे इच्छुक भारतीयों को निकालने की बात भी कही। उन्होंने अमेरिका के रक्षा सचिव, कॉलिन कहल से मुलाकात की और भारत-अमेरिका रणनीतिक और रक्षा साझेदारी को आगे बढ़ाने पर चर्चा की।