लालू के महुआबाग बंगले पर चिराग पासवान का बयान: ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाले से जुड़ी जांच तय, राबड़ी बंगला नोटिस के बीच नया विवाद

बिहार की सियासत में लालू प्रसाद यादव परिवार का महुआबाग स्थित निर्माणाधीन आलीशान बंगला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू के इस 2 एकड़ से अधिक फैले पॉश इलाके के बंगले पर अब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की नजर टिक गई है।

रविवार देर रात पटना पहुंचे चिराग ने एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में साफ शब्दों में कहा कि अगर बंगले के कागजातों में कोई गड़बड़ी या अवैधता पाई गई, तो यह भी जांच के दायरे में आ जाएगा। यह बयान पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड वाले सरकारी बंगले को खाली करने के नोटिस के बीच आया है, जिससे लालू परिवार पर दबाव बढ़ गया है।

चिराग पासवान ने लालू की मौजूदा परेशानियों की जड़ ‘लैंड फॉर जॉब’ घोटाले को ठहराते हुए तंज कसा, “मुझे नहीं पता कि बंगला कितना वैध है या कितने गलत आधार पर खड़ा हो रहा है, लेकिन अगर दस्तावेजों में हेराफेरी हुई तो कार्रवाई तय है। भारत में कानून सबके लिए बराबर है—चाहे आम आदमी हो या बड़ा नेता। जांच एजेंसियां सबूतों के आधार पर काम करती हैं, न कि राजनीतिक दबाव में।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि लैंड फॉर जॉब घोटाले से जुड़ी कोई भी संपत्ति, चाहे वह बंगला हो या कुछ और, जांच के घेरे में आएगी। चिराग ने लालू के ‘राजनीतिक साजिश’ वाले दावों को खारिज करते हुए कहा, “जनता सब समझती है। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।”

महुआबाग बंगला, जो पटना के दानापुर ब्लॉक में स्थित है, लालू परिवार की सबसे विवादास्पद संपत्तियों में शुमार है। अनुमान के मुताबिक इसकी कीमत सैकड़ों करोड़ रुपये है। विपक्ष लंबे समय से आरोप लगाता रहा है कि 2004-09 के दौरान रेल मंत्री रहते लालू ने रेलवे नौकरियों के बदले जमीनें हासिल कीं, जिनमें से अधिकांश महुआबाग इलाके में हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पहले ही इस घोटाले में लालू परिवार की कई संपत्तियों को जब्त किया है, और हालिया पूरक चार्जशीट में खुलासा किया गया कि महुआबाग की 6-7 जमीनें राबड़ी देवी, उनकी बेटियां मीसा भारती व हेमा यादव और बेटे तेजस्वी व तेज प्रताप यादव के नाम से हस्तांतरित की गईं।

ED का दावा है कि नौकरी के लालच में जमीनदारों ने अंडरवैल्यू पर बेचीं, और ये ‘क्राइम प्रॉसिड्स’ हैं। हाल ही में ED ने लालू से महुआबाग की जमीनों के सौदों पर सवाल किए, जिसमें कुछ रिश्तेदारों को ‘गिफ्ट डीड’ से जोड़ा गया।

इस बीच, राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड बंगला खाली करने का नोटिस 25 नवंबर को जारी हुआ था। यह बंगला, जो 2005 से लालू परिवार का राजनीतिक केंद्र रहा है, अब छीन लिया गया है। बिहार भवन निर्माण विभाग ने राबड़ी को विधान परिषद में विपक्ष की नेता के तौर पर 39 हार्डिंग रोड वाला नया बंगला आवंटित किया है।

RJD ने इसे ‘राजनीतिक बदला’ बताते हुए कहा कि वे बंगला नहीं छोड़ेंगे, लेकिन लालू परिवार अब महुआबाग बंगले में शिफ्ट होने की तैयारी में है। शनिवार को लालू खुद वहां निर्माण कार्य का जायजा लेने पहुंचे। बेटी रोहिणी आचार्य ने नोटिस पर नीतीश कुमार पर निशाना साधा, “सुशासन बाबू का विकास मॉडल लालू यादव का अपमान ही प्राथमिकता है।”

चिराग का बयान NDA की नई सरकार के पहले कैबिनेट बैठक के ठीक बाद आया, जब बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA ने 202 सीटें जीतकर ऐतिहासिक जीत हासिल की। RJD मात्र 25 सीटों पर सिमट गई। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महुआबाग विवाद लालू परिवार के लिए नया बवाल खड़ा कर सकता है, खासकर जब ED और CBI की जांच तेज हो रही है।

लालू परिवार ने इसे ‘साजिश’ बताया, लेकिन चिराग ने कहा, “कानून अपना काम करेगा, अदालत फैसला लेगी।” यह मुद्दा आने वाले दिनों में बिहार की सियासत को और गरमा सकता है।

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