SIR अभियान: ‘विपक्ष का हंगामा उनकी राजनीति का संकट दर्शाता है’, BLO अधिकारियों को डिप्टी सीएम केशव मौर्य का संदेश

कानपुर: उत्तर प्रदेश में चल रहे विशेष गहन संशोधन (SIR) अभियान को लेकर देशभर में चर्चाएं तेज हैं। इस अभियान के दौरान बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) की लगातार मौत की खबरें सामने आ रही हैं, जिनमें कुछ कथित तौर पर काम के अत्यधिक दबाव से आत्महत्या कर ली, तो कुछ हार्ट अटैक जैसी वजहों से।

विपक्षी दल इस मुद्दे को उठाकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं, लेकिन इसी बीच उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने BLO अधिकारियों को संदेश देते हुए विपक्ष के प्रयासों को ‘दुष्प्रचार’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष SIR अभियान से अपनी राजनीति संकट में फंसने का डर महसूस कर रहा है, इसलिए हंगामा मचा रहा है।

कानपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान केशव मौर्य ने BLO अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, “मैं अपने सभी BLO साथियों से अपील करता हूं कि चुनाव आयोग समय-समय पर विभिन्न अभियान चलाता रहता है। आप अपने कर्तव्यों का निर्भीक होकर पालन करें और किसी विपक्ष के बहकावे में न आएं। यह जिम्मेदारी लोकतंत्र की मजबूती के लिए संवैधानिक रूप से आवश्यक है।”

उन्होंने BLO की मौतों पर दुख जताते हुए कहा कि किसी BLO को परेशान या निराश होने की जरूरत नहीं है। यदि कोई समस्या हो तो वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क करें। मौर्य ने जोर देकर कहा कि सरकार BLO अधिकारियों की सुरक्षा और सहायता के लिए प्रतिबद्ध है।

उप मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, “विपक्ष दुष्प्रचार और अफवाहें फैला रहा है, क्योंकि उन्हें लगता है कि SIR अभियान से उनकी राजनीति संकट में पड़ जाएगी।” उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि सपा एक ‘डूबती हुई नाव’ है, जिसका कोई भविष्य नहीं। मौर्य ने दावा किया कि 2027 के विधानसभा चुनाव में यूपी दोबारा 2017 जैसा जनादेश देगी, और BJP का प्रभुत्व बरकरार रहेगा।

SIR अभियान, जो 12 राज्यों में चल रहा है, के दौरान यूपी में BLO की मौतें चिंता का विषय बनी हुई हैं। हाल ही में मोरादाबाद के बहेरी गांव में 46 वर्षीय BLO सरवेश सिंह ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली, और उनके सुसाइड नोट व वीडियो में SIR टारगेट पूरा न कर पाने का दबाव जिम्मेदार बताया।

इसी तरह देवरिया में एक लेखपाल अशीष कुमार की मौत हो गई। विपक्ष ने चुनाव आयोग पर लापरवाही का आरोप लगाया है, लेकिन सरकार ने अभियान को एक हफ्ता बढ़ा दिया है। मौर्य का यह बयान SIR विवाद को राजनीतिक रंग देने का प्रयास लगता है, जो 2027 चुनावों की रणनीति का हिस्सा है।

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