मस्जिद विवाद पर आया सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

मस्जिदनई दिल्ली। नवी मुंबई में सार्वजिनक संपत्ति पर बने एक अनधिकृत मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बयान आया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए एक अनधिकृत मस्जिद को गिराने से रोकने से मना कर दिया है।

बता दें कि इससे पहले मुंबई हाईकोर्ट ने ने महाराष्ट्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के मस्जिद को गिराने के आदेश पर मुहर लगाई थी।

वहीं हाईकोर्ट के दिए गए फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता शफीक अहमद खान और अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जस्टिस आदर्श कुमार गोयल और जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने मस्जिद को रेगुलराइज करने से मना कर दिया और उनकी याचिका को खारिज कर दिया।

यह भी पढ़ें-पाकिस्तान का ‘काल’ और दुनिया में मिसाल बनी इंडियन आर्मी, पढ़िए सेना से जुड़े रोचक तथ्य

याचिकाकर्ता की तरफ से वकील श्याम दीवान ने 5 मई 2011 के एक प्रस्ताव का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि 29 सितंबर 2009 के बाद बने किसी भी धार्मिक ढांचे को सुरक्षा नहीं दी जाएगी और उस प्रस्ताव के मुताबिक उन धार्मिक स्थलों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है।

पहला जिनका रेगुलराइजेशन होगा, दूसरा जिन्हें हटाया जाएगा और तीसरा जिन्हें पुनर्वासित किया जाएगा। दीवान ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने शुरु में इस मस्जिद को तीसरी श्रेणी यानि पुनर्वास करने योग्य धार्मिक स्थल की श्रेणी में रखा था।

लेकिन एमआईडीसी के 17 नवंबर के हलफनामे में इसे दूसरी श्रेणी यानि हटाने वाले धार्मिक स्थल की श्रेणी में रखा है। उन्होंने कहा कि ये मस्जिद बहुत पुराना है और इसके नगरपालिका टैक्स का आकलन 1990-91 में किया गया था।

उन्होंने कहा कि ये मस्जिद मुख्य सड़क से पचास मीटर की दूरी पर है लिहाजा इसे पहली श्रेणी यानि रेगुलराइजेशन वाले धर्मस्थल में शामिल करने योग्य है। सुप्रीम कोर्ट ने श्याम दीवान की दलील पर गौर करने के बाद हाईकोर्ट और एमआईडीसी के फैसले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया।

LIVE TV