‘सुसाइड बॉम्बिंग वीडियो का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं’: कांग्रेस सांसद इमरान मसूद

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने हाल ही में सामने आए डॉ. उमर उन नबी के सुसाइड बॉम्बिंग वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस वीडियो का इस्लाम से बिल्कुल कोई संबंध नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस्लाम में खुदकुशी हराम है और मासूम लोगों की हत्या करने वालों के लिए जन्नत के द्वार कभी नहीं खुलेंगे।

मसूद ने लोगों से अपील की कि इस्लाम को गहराई से समझें, किताबें पढ़ें और उसके सिद्धांतों की सही जानकारी हासिल करें। उन्होंने स्पष्ट किया, “ये भटके हुए लोग हैं। इनके शब्द इस्लाम का सच्चा चित्रण नहीं करते। हमारा धर्म देशभक्ति सिखाता है, न कि हिंसा।” यह बयान 10 नवंबर 2025 को दिल्ली के रेड फोर्ट के पास हुए कार बम विस्फोट के मुख्य आरोपी डॉ. उमर के वीडियो के बाद आया है, जिसमें वह सुसाइड अटैक को ‘शहादत ऑपरेशन’ बता रहा था।

अल फलहा यूनिवर्सिटी पर ईडी छापेमारी

मसूद ने फरीदाबाद स्थित अल फलहा यूनिवर्सिटी पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हालिया छापेमारी पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि अगर किसी एक व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई हो रही है, तो इसका मतलब यह नहीं कि पूरी यूनिवर्सिटी इसमें लिप्त है। “यदि कोई डॉक्टर गलत कर रहा है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है, लेकिन यूनिवर्सिटी की भूमिका क्या है, यह जांच में स्पष्ट होना चाहिए। सरकार अल्पसंख्यक संस्थानों को निशाना बना रही है, जो गलत है।” यह बयान ईडी की 25 स्थानों पर छापेमारी के बाद आया, जहां यूनिवर्सिटी के संस्थापक जावेद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया गया। जांच में आतंकी फंडिंग और फर्जी मान्यता के आरोप लगे हैं, लेकिन मसूद ने इसे अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थानों पर हमला बताया।

बिहार चुनाव के बाद यूपी में SIR के प्रभाव

बिहार विधानसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में ‘SIR’ (स्पेशल इंटेंसिव रिव्यू) के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक परिवर्तनों पर चिंता जताते हुए मसूद ने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। उन्होंने बताया कि बिहार चुनाव में SIR के कारण कई वोटर मतदान केंद्रों से लौट गए क्योंकि उनके नाम वोटर लिस्ट से गायब थे। “यह वोटर लिस्ट में भ्रष्टाचार दिखाता है। SIR के जरिए लोगों को वोट डालने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है, जो लोकतंत्र को बर्बाद कर देगा। चुनाव आयोग की विश्वसनीयता लगातार घट रही है।” मसूद ने इसे दलित, पिछड़े, आदिवासी और मुस्लिम वोटरों को निशाना बनाने की साजिश बताया।

इमरान मसूद के बयानों से बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है, उन्हें ‘आतंकी बचाओ गैंग’ का हिस्सा बताते हुए। लेकिन मसूद ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य इस्लाम की सही छवि पेश करना और लोकतंत्र की रक्षा करना है।

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