
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार और दिल्ली में एनडीए (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन) सरकार के गठन की प्रक्रिया को मजबूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पार्टी ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को बिहार में विधानसभा दल के नेता के चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।
इसके साथ ही, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति को सह-पर्यवेक्षक के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह नियुक्ति भाजपा की संसदीय बोर्ड द्वारा की गई है, जो बिहार में भाजपा विधानसभा दल की बैठक (19 नवंबर को सुबह 10 बजे पटना में) की निगरानी करेगी।
हाल ही में संपन्न बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 243 सीटों में से 202 सीटें हासिल कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की, जिसमें भाजपा को 89, जेडीयू को 85, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 19, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) को 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 4 सीटें मिलीं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 19 नवंबर को राज्यपाल अरिफ मोहम्मद खान को इस्तीफा सौंपेंगे और एनडीए के सभी सहयोगियों के समर्थन पत्र भी जमा करेंगे, जिसके बाद वर्तमान विधानसभा भंग हो जाएगी। 20 नवंबर को गांधी मैदान, पटना में नीतीश कुमार दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह और धर्मेंद्र प्रधान जैसे वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
मंत्रिमंडल बंटवारे पर चर्चा: एनडीए साझेदारों के बीच मंत्रिमंडल पदों के आवंटन पर तेज लॉबिंग चल रही है। स्रोतों के अनुसार, प्रत्येक छह विधायकों पर एक मंत्री पद के आधार पर बंटवारा होगा – भाजपा और जेडीयू को 30-31 पद, एलजेएपी (आरवी) को 3, जबकि आरएलएम और हम (एस) को एक-एक। जेडीयू स्पीकर पद छोड़ने को तैयार है, लेकिन एक प्रमुख शर्त पर। दिल्ली में अमित शाह की अध्यक्षता में हुई तीन घंटे की बैठक में जेडीयू के संजय झा और ललन सिंह ने भाग लिया।





