फिर उमड़ा स्वामी का भारतीय प्रेम, अध्यक्ष शाह को दे डाली पीने-खाने से लेकर कपड़े पहनने तक की नसीहत

सुब्रमण्यम स्वामीनई दिल्ली। जीडीपी पर फर्जी आंकड़े वाले बयान के बाद एक बार फिर भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी चर्चा में आ गए हैं। इस बार उन्होंने पाश्चात्य सभ्यता को त्यागने का सुझाव देकर नए विवाद को जन्म दे दिया है। उन्होंने कहा कोट-पैंट जैसे वस्त्र पश्चिमी सभ्यता और गुलामी का प्रतीक हैं। जिसे हिन्दुस्तानियों पर जबरन थोपा गया। भाजपा नेताओं को चाहिए कि वे ऐसे वस्त्रों का परित्याग करें। इतना ही नहीं उन्होंने सुझाव रखा कि भाजपा इसके लिए एक अनुशासन बनाए। ताकि पार्टी से ताल्लुक रखने वाले सभी नेता भारतीय जलवायु के अनुकूल देशी वस्त्र पहने।

कटघरे में खड़े हुए पीएम मोदी! ‘सेना’ मांग रही जवानों की मौत का हिसाब  

खबरों के मुताबिक़ इसके साथ ही स्वामी ने भाजपाइयों को दारू छोड़ने की भी नसीहत दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है, “संविधान की धारा 49 शराब पर प्रतिबंध की बात करता है। हालांकि, मैं इसके दंडात्मक कार्रवाई के खिलाफ हूं। बीजेपी को चाहिए कि वो इसे भी अनुशासन के तहत शामिल करे।”

पश्चिमी परिधान न पहनने पर स्वामी ने इसके पीछे तर्क दिया है कि इससे भारतीय संस्कृति को न सिर्फ बढ़ावा मिल सकेगा बल्कि देशी अर्थव्यवस्था को भी ताकत मिल सकेगी।

स्वामी ने कहा कि कई विदेशी कंपनियां मेक इन इंडिया के तहत भारत में निवेश करने को इच्छुक हैं मगर वो कार्यरूप में परिणत नहीं हो पा रहा है।

यह पहली दफा नहीं है जब स्वामी ने भारतीय संस्कृति और देशी परिधान की वकालत की हो। इससे पहले पिछले साल भी स्वामी ने ट्वीट कर केंद्रीय मंत्रियों पर निशाना साधा था और कहा था कि जब वो विदेशी दौरे पर हों तो कोट-पैंट छोड़कर देशी कपड़े ही पहनें।

31 को थलाइवा करेंगे सबसे बड़ी घोषणा, जाता हुआ साल करेगा सरप्राइज

अभी तीन दिन पहले ही स्वामी ने जीडीपी पर फर्जी आंकड़े की बात कहकर सरकार और बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी की थीं।

स्वामी ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा था कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के अधिकारियों पर बेहतर आर्थिक आंकड़े देने के लिए दबाव बनाया था, ताकि यह दिखाया जा सके कि नोटबंदी का अर्थव्यरवस्थाआ और जीडीपी पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्होंने इन आंकड़ों को फर्जी बताया था।

देखें वीडियो :-

LIVE TV