संभल सांसद जियाउर रहमान बर्क का बयान: “हम नहीं गाएंगे वंदे मातरम, मजहब के खिलाफ”, सुप्रीम कोर्ट का दिया हवाला, BJP ने लगाया आरोप

संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क ने राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ को लेकर एक बार फिर सियासी आग लगा दी। शनिवार को संभल में मीडिया से बातचीत में बर्क ने साफ-साफ कहा कि वह वंदे मातरम नहीं गाते और न ही गाएंगे, क्योंकि इसके कुछ शब्द उनके मजहब इस्लाम के खिलाफ हैं।

उन्होंने कहा, “हम एक अल्लाह की इबादत करते हैं, इसलिए किसी दूसरी जगह सजदा नहीं कर सकते। हम इस देश की धरती से मुहब्बत करते हैं, प्यार करते हैं, वफादार हैं, लेकिन इबादत नहीं कर सकते।”

बर्क ने आगे कहा कि न उनके दादा-परदादा ने वंदे मातरम गाया, न वह गाते हैं और न उनके बच्चे गाएंगे। लेकिन इससे उनकी देशभक्ति पर सवाल नहीं उठ सकता, क्योंकि उनके बुजुर्गों ने आजादी की लड़ाई में कुर्बानियां दीं। वह जन गण मन को राष्ट्रगान मानते हैं, खड़े होकर गाते हैं और सम्मान करते हैं, लेकिन वंदे मातरम राष्ट्रगीत है और इसे गाने के लिए कोई बाध्य नहीं कर सकता।

सांसद ने 1986 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले (बिजो इमैनुएल केस) का हवाला दिया, जिसमें कहा गया कि जीवाहोवा विटनेस समुदाय के बच्चों को राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता अगर यह उनकी धार्मिक मान्यता के खिलाफ हो।

यह बयान ऐसे समय आया जब पूरा देश वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर स्मरणोत्सव मना रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने 7 नवंबर को इसका शुभारंभ किया। इससे पहले सपा के ही अबू आजमी और एसटी हसन ने भी वंदे मातरम को धरती की पूजा बताकर गाने से इनकार किया था। बर्क के बयान पर भाजपा ने तीखा हमला बोला। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा, “यह देशद्रोह है, सपा की तुष्टिकरण की राजनीति का नंगा नाच। अखिलेश यादव माफी मांगें वरना ऐसे नेताओं को पार्टी से निकालें।” कांग्रेस ने भी दूरी बनाई, कहा कि राष्ट्रगान-राष्ट्रगीत का सम्मान हर नागरिक का कर्तव्य है।

बिहार चुनाव के बीच यह बयान महागठबंधन के लिए नया सिरदर्द बन गया। बर्क ने बिहार पर कहा कि उन्हें उम्मीद है महागठबंधन जीतेगा, विकास आएगा और जंगलराज खत्म होगा। लेकिन यूपी में संभल हिंसा के आरोपी बर्क का यह बयान एनडीए को मुस्लिम वोटों को एकजुट करने का मौका दे रहा है।

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