कटघरे में खड़े हुए पीएम मोदी! ‘सेना’ मांग रही जवानों की मौत का हिसाब  

भाजपा को निशाने पर लियानई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में बनते-बिगड़ते हालत और पाकिस्तान द्वारा लगातार किया जाने वाला सीजफायर उल्लंघन का मुद्दा उठाते हुए शिवसेना ने एक बार फिर भाजपा को निशाने पर लिया है। साथ ही ‘सेना’ ने कश्मीर में शांति और गुजरात मॉडल में बेहतर विकास के दावों को भी कटघरे में खड़ा किया। शिवसेना ने कहा कि जिस विकास की बात भाजपा करती आई है, वो महज खोखली बाते ही हैं। असल में ‘गुजरात में विकास खो गया’ और ‘कश्मीर में शांति खो गई।’

खबरों के मुताबिक़ तीखे तेवरों के साथ भाजपा की गठबंधन सहयोगी पार्टी ने उनकी कार्यशैली और रवैये को लेकर काफी निराशा प्रकट की।

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उसने भाजपा के दावो को बकवास बताते हुए उन्हें शांति कायम करने में विफल करार दिया। कहा कि जिस वक्त  सीमा पर जवान मारे जा रहे थे, उस दौरान पीएम मोदी गुजरात चुनाव में मशरूफ थे।

जम्मू-कश्मीर में हालत के सामान्य की ओर लौटने की बात कहना पूरी तरह से गलत साबित हुआ क्योंकि ‘शांतिकाल’ में सैनिकों की मौत सरकार की बेचारगी को दर्शाती है।

दरअसल, शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा गया कि जब शांतिपूर्ण समय में एक सैनिक की मौत होती है तो यह सरकार की गलत छवि पेश करती है।

पिछले 30 सालों से यह होता आ रहा है और जब मौजूदा सरकार सत्‍ता में आई तो हमें इस पर विराम लगने की उम्‍मीद थी।

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संपादकीय में दावा किया गया कि जब पाकिस्‍तान सीजफायर उल्‍लंघन में संलिप्‍त था और भारतीय जवानों की हत्‍या कर रहा था, तब प्रधानमंत्री और पूरा कैबिनेट गुजरात चुनाव अभियान में व्‍यस्‍त था।

मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए संपादकीय में यह भी लिखा गया है, ‘गुजरात चुनाव जीतने के लिए सूरत में कारोबारी समुदाय को जीएसटी में कई छूटें दी। मगर जवानों की जान बचाने के लिए क्‍या किया। शिवसेना इस बारे में जानना चाहती है। जम्‍मू-कश्‍मीर में स्थिति सामान्‍य होने की बात झूठी है। गुजरात में विकास और जम्‍मू-कश्‍मीर में शांति व स्थिरता बिल्‍कुल गायब है।’

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