ये दस बातें INS कलवरी को बनाती हैं विध्वंसक

INS कलवरीभारत की स्कॉर्पियन क्लास पनडुब्बी INS कलवरी का गुरुवार को जलावतरण किया गया. इस मौके पर रक्षामंत्री सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे. अत्याधुनिक हथियारों से लैस ये पनडुब्बी बेहद ख़ास है. आइये आप को बताते हैं इसकी प्रमुख बातें.

INS कलवरी की खासियत

  1. इसका नाम हिंद महासागर में पाई जाने वाली खूंखार टाइगर शार्क के नाम पर रखा गया है. INS कलवरी एक डीजल-इलेक्ट्रिक युद्धक पनडुब्बी है.
  2. 1967 में पहली पनडुब्बी आईएनएस कलवरी नौसेना में शामिल हुई थी, जिसे 31 मई, 1996 को रिटायर कर दिया गया था.
  3. 1,564 टन वजनी इस पनडुब्बी को नौसेना के लिए मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने बनाया है. यह स्कॉर्पियन क्लास की पनडुब्बी है. इस परियोजना (प्रोजेक्ट-75) को फ्रांस के सहयोग से चलाया जा रहा है.
  4. यह पनडुब्बी दुश्मन की ओर से आने वाले गाइडेड वेपेंस पर तुरंत हमला कर सकती है. इन हमलों को टॉरपीडो की मदद से अंजाम दिया जा सकता है.
  5. इस पनडुब्बी में एडवांस हिडेन तकनीक है जो इसे ख़ास बनाती है. अर्थात ये पानी में छिप कर दुश्मन पर सटीक वार करने में सक्षम है.
  6. उच्च स्तरीय घातक हथियार वाली यह पनडुब्बी जरा भी आवाज नहीं करती. इसका आकार हाइड्रो-डायनामिक है.
  7. पनडुब्बी चाहे डूबी हो या सतह पर हो, दोनो ही सूरतों में यह अचूक निशाने लगाती है. इसे बनाने के लिए ऐसे लोहे का इस्तेमाल हुआ है जो ऊंचे तापमान को सहन कर सकता है.
  8. ये पनडुब्बी 300 किलोमीटर दूर से ही दुश्मन के परखच्चे उड़ा सकती है. ये महासागरों में गहराई से गोता लगा सकती है.
  9. पनडुब्बियों में हथियार लॉन्चिंग ट्यूब लगे हैं जिससे यह अपने साथ बोर्ड पर हथियार ले सकती है और इन्हें समुद्र में लोड किया जा सकता है.
  10. इस वक्त नौसेना में 13 पुराने सबमरीन हैं, जिनमें से आधे किसी काम के नहीं बचे. ऐसे हालात में सेना को मजबूत बनाने के लिहाज से यह एक महत्वपूर्ण कदम है.
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