
उत्तर प्रदेश में ड्रोन के अनधिकृत उपयोग और दहशत फैलाने की घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाया है। 3 अगस्त को जारी एक बयान में, मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट किया कि बिना अनुमति ड्रोन उड़ाना पूरी तरह प्रतिबंधित है।

ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कड़ी कार्रवाई होगी। इसकी निगरानी के लिए प्रमुख सचिव (गृह) और पुलिस महानिदेशक (DGP) को सभी जिलों में ड्रोन गतिविधियों की समीक्षा और सख्त निगरानी का निर्देश दिया गया है।
सीएम योगी के निर्देश
मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रोन के जरिए अफवाहें फैलाने या दहशत मचाने की कोशिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने जिला प्रशासन को नियमित गश्त बढ़ाने और ड्रोन मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित करने के आदेश दिए हैं ताकि लोगों में सुरक्षा का भाव बना रहे। योगी ने जोर देकर कहा कि कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पृष्ठभूमि और संदर्भ
हाल के महीनों में उत्तर प्रदेश में ड्रोन के गलत इस्तेमाल की घटनाएं सामने आई हैं, खासकर संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी और अफवाह फैलाने के लिए। उदाहरण के लिए, जुलाई 2025 में गोरखपुर में एक संदिग्ध ड्रोन की मौजूदगी ने स्थानीय प्रशासन को अलर्ट पर ला दिया था। इसके अलावा, राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से ड्रोन का उपयोग आतंकी गतिविधियों या आपराधिक साजिशों के लिए भी खतरा बन सकता है। भारत में ड्रोन नियमों को नियंत्रित करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 2021 में ड्रोन नियम (Drone Rules, 2021) जारी किए थे, जिसमें बिना डिजिटल स्काई पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और अनुमति के ड्रोन उड़ाने पर रोक है।
कानूनी प्रावधान
- गैंगस्टर एक्ट: उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1986 के तहत संगठित अपराध करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाती है, जिसमें संपत्ति जब्ती और लंबी सजा शामिल है। ड्रोन से दहशत फैलाने वालों को इस कानून के दायरे में लाया जा सकता है।
- NSA: राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, 1980 के तहत बिना चार्जशीट के 12 महीने तक हिरासत में रखने की अनुमति है, यदि व्यक्ति राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना जाता है। ड्रोन से आतंकी गतिविधियों या दहशत फैलाने के गंभीर मामलों में NSA लागू हो सकता है।
प्रशासनिक कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव (गृह) और DGP को सभी 75 जिलों में ड्रोन गतिविधियों की निगरानी के लिए एक मजबूत तंत्र विकसित करने का निर्देश दिया है। इसके तहत: