श्री श्री रविशंकर ने खड़े किये हाथ, कहा- राममंदिर मुद्दा सुलझाना आसान नहीं

राममंदिर मुद्दाअयोध्या। उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद का मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को आपसी सहमति से फैसला लेने की बात कही थी, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि, वो मध्यस्ता के लिए तैयार हैं। इस मुद्दे को कोर्ट के बाहर सुलझाने के लिए श्री श्री रविशंकर गुरुवार को लखनऊ से अयोध्या पहुंचे।  उनकी इस पहल को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

राम मंदिर मुद्दे पर मध्यस्थता की कोशिशें कर रहे आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने गुरुवार को अयोध्या में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि विवाद सुलझाने में समय लग सकता है। उनका कहना है कि दोनों पक्षों के सहयोग से ही स्थायी समाधान निकल सकता है।

उन्होंने कहा- “आरोप-प्रत्यारोप से बात नहीं बनेगी। बैठकर बात करनी पड़ेगी। मेरे पास कोई फॉर्मूला नहीं है। बात करने से ही फॉर्मूला निकलेगा। मैं सब को मनाने आया हूं।”

उनका कहना है कि विवाद सुलझाने में 2-3 महीने का समय लग सकता है। लेकिन मुझे पता है कि हमारे देश में स्नेह की कमी नहीं है। सभी बैठकर इस मुद्दे पर हल निकाल सकते हैं।

बता दें श्री श्री रविशंकर की ओर से राम मंदिर मुद्दे पर बातचीत की पहल के बीच एक बड़ा खुलासा हुआ है। राम मंदिर मुद्दे पर पक्षकार निर्मोही अखाड़े के महंत दिनेंद्र दास ने बताया कि समझौते के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को 1 करोड़ रुपए से लेकर 20 करोड़ रुपए तक दिए जा सकते हैं।

वहीं श्री श्री रविशंकर ने बुधवार को कहा था कि उनके पास कोई प्रस्ताव नहीं है। वह बस सभी को साथ लाना चाहते हैं। रविशंकर ने बुधवार को दिगंबर अखाड़ा, विनय कटियार, राजाराम चंद्र आचार्य, हिंदू महासभा के चक्रपाणी आदि से मुलाकात की।

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