बुआ का साथ पाकर बबुआ ने फिर भरी हुंकार, कहा- ढहा देंगे मोदी का किला

लखनऊ। एक समय कट्टर प्रतिद्वंद्वी रही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ नवगठित गठबंधन के ज्यादा देर टिकने या न टिकने को लेकर लग रहे कयासों के बीच समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि मायावती और उनकी पार्टी के साथ 23 साल पुरानी कड़वाहट अब ‘पुरानी बात हो गई।’

दबंग की शिकायत लेकर आया था युवक, सीएम योगी ने पीड़ित को ही डांटकर भगाया

बहुजन समाज पार्टी

अखिलेश यादव ने कहा, “इस समय प्रासंगिक यही है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के राष्ट्रीय लक्ष्य को हासिल करने के लिए दोनों पार्टियां एक-दूसरे का हाथ थामे आगे बढ़ रही हैं।”

उन्होंने कहा कि भाजपा देश और राज्य दोनों को नुकसान पहुंचा रही है।

अखिलेश ने कहा कि बसपा-सपा गठबंधन एक ऐसा जोड़ है, जो मगरूर और बेकार भाजपा सरकार को करारी शिकस्त देगा।

एमएलसी चुनाव की तारीख का ऐलान, सियासी बिसात बिछाने में जुटीं पार्टियां

44 वर्षीय समाजवादी नेता ने कहा कि भाजपा अक्सर उपहास उड़ाती रहती है कि विपक्ष के पास उससे मुकाबले के लिए कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि बसपा और सपा के साथ आने के बाद आखिरकार वह आधार मिल गया है।

अखिलेश से उनके पिता मुलायम सिंह यादव और मायावती के रिश्तों में, खासतौर पर उन पर हुए हमले के बाद पनपी कड़वाहट के बारे में सवाल किए जाने पर उन्होंने कहा, “जो बीत गया, सो बीत गया। मैं पीछे नहीं, आगे देखता हूं।”

यह संकेत देते हुए कि बसपा-सपा की दोस्ती 2019 के लोकसभा चुनाव तक जारी रहेगी, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी ने इसके लिए पहले ही तैयारी कर ली है और अब वह माइक्रो बूथ और जाति प्रबंधन में भाजपा का ही अनुसरण करने की कोशिश कर रही है।

मायावती के पल-पल में बदलने वाले स्वभाव के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा कि समय लोगों को बदल देता है।

उन्होंने कहा, “सीटों का बंटवारा छोटी-मोटी बात है और जब जरूरत होगी, तब इस पर बात कर ली जाएगी। समय आने पर हम इस स्थिति से निपट लेंगे।”

अखिलेश ने कहा कि वह अब वही कर रहे हैं, जो भाजपा ने उन्हें सिखाया है।

उन्होंने कहा, “वे पन्ना प्रमुखों, जातीय समीकरण को समझने और बूथ प्रबंधन की बात करते हैं। और अब जब हम यह कर रहे हैं तो हम पर जातिवादी होने का आरोप लगाया जाता है..हर चीज भाजपा के लिए ही फायदे का सौदा कैसे हो सकती है?”

SC-ST Act में संशोधन के खिलाफ ASP ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, कहा- ‘अब नहीं तो कब’

लोकसभा उपचुनावों में जीत के बाद अखिलेश यादव ने बसपा प्रमुख मायावती के घर जाकर उनसे आधे घंटे तक मुलाकात की थी।

उन्होंने कहा कि मायावती उनसे गर्मजोशी से मिलीं और उनमें कोई दुश्मनी या कड़वाहट नजर नहीं आई।

उन्होंने कहा, “वह गर्मजोशी से मिलीं। उन्होंने मुझे एक आम इंसान से देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य की चार बार मुख्यमंत्री बनने की अपनी यात्रा की चित्रमय यात्रा कराई।”

अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने उनके शासन काल में उत्तर प्रदेश में हुए अनुकरणीय विकास की तुलना में पिछले एक साल में कोई काम नहीं किया।

उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार ने पिछले एक साल में केवल एक ही काम किया है और वह है सपा सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं के रिबन काटना।”

अखिलेश यादव ने दार्शनिक अंदाज में कहा कि राजस्थान के धौलपुर मे स्थित सैन्य स्कूल में और बाद में बेंगलुरू में पढ़ाई करके वह भूल गए थे कि वह एक पिछड़ी जाति के व्यक्ति हैं।

उन्होंने कहा, “मैं यह लगभग भूल ही बैठा था, जब तक कि भाजपा ने मुझे यह याद नहीं दिला दिया कि मैं पिछड़ी जाति से हूं। ऐसा करने के लिए मैं उनका आभारी हूं। मैं यही कहना चाहूंगा कि मेरा जन्म भले ही एक पिछड़े परिवार में हुआ हो, लेकिन मैं एक प्रगतिशील व्यक्ति हूं, जिसका अपना दृष्टिकोण है और जो विकास चाहता है।”

अखिलेश ने भाजपा को भ्रमित करार देते हुए राज्य सरकार की कई नाकामियां गिनाईं।

उन्होंने कहा कि भाजपा एकजुट हो रही सपा और बसपा का कोई तोड़ निकालने के लिए बेचैन है।

एक महागठबंधन में और भी दलों को जोड़ने की योजना के सवाल पर उन्होंने कहा, “फिलहाल केवल उप्र और बसपा-सपा के साथ की बात है।”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के साथ उनका रिश्ता सामान्य और सौहार्दपूर्ण है।

देखें वीडियो :-

LIVE TV