हिल गई दिल्ली सरकार… रातों-रात मकबरे में प्रकट हुए भोलेनाथ!

नई दिल्ली। किसी भी देश में चौतरफा विकास के लिए राजनीतिक परिवर्तन जरुरी होता है। लेकिन जब परिवर्तन विकासकार्य में ना होकर बल्कि ध्रुवीकरण की राजनीति में किया जाता है, तो इसका परिणाम बेहद ही खतरनाक साबित होता है। वैसे तो उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ की अगुआई के भगवा रंग की परत हर एक सरकारी ईमारतों पर देखने को मिल रही है। लेकिन नया और बेहद चौंकाने वाला मामला यूपी का नहीं बल्कि दिल्ली का।

योगी आदित्यनाथ

दरअसल, दिल्ली के सफदरजंग एन्क्लेव स्थित हुमायूंपुर गांव में तुगलकी मकबरे को रातों रात शिव मंदिर बना दिया गया है। इस मकबरे का नाम गुमटी है। कंकरीट के जंगल कहे जाने वाले इस गांव में इमारतों और पार्क के बीच बना यह मकबरा दिल्ली पर्यटन विभाग के स्मारकों में लिस्टेड है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि मार्च महीने में एक दिन अचानक कुछ लोग आए और रातों रात इसे गेरूए रंग में रंग दिया और इसके अंदर मूर्तियां रख दीं। किसी दर्जा प्राप्त स्मारक में किसी भी तरह की छेड़ छाड़ अपराध है और सिटीजन चार्टर का भी पूरी तरह उल्लंघन है।

खबर के मुताबिक, इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इंटैक) के सहयोग से पुरातात्विक विभाग को इस मकबरे का नवीकरण करना था। रिपोर्ट में साफतौर से बताया गया है कि स्थानीय लोगों के विरोध के कारण मकबरे के जीर्णोद्धार का काम शुरू न हो सका। मामला अब काफी आगे बढ़ गया है और मकबरा मंदिर में तब्दील हो गया है।

मकबरे के बगल में भगवा रंग के बेंच लगे हैं, जिसपर सफदरजंग एनक्लेव की निगम पार्षद राधिका अबरोल फोगाट का नाम छपा है। इस बारे में फोगाट ने कहा, मेरी जानकारी में आए बिना इसे मंदिर में तब्दील कर दिया गया। इसमें मेरा कोई समर्थन नहीं था। इसमें पिछले बीजेपी पार्षद की मिलीभगत थी। मैंने इसपर विरोध भी जताया था लेकिन यह काफी संवेदनशील मामला है। देश में फिलहाल जो कुछ हो रहा है, उसमें किसी मंदिर को हाथ लगाना मुश्किल है। मेरे नाम से छपे बेंच पहले पार्क में रखे गए थे।

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हालांकि, इन स्थानों की हिफाजत का जिम्मा राज्य सरकार का होता है। 2010 में गुमटी को सांस्कृतिक स्थल का दर्जा मिला था। लेकिन स्थानीय लोगों को यह पता नहीं कि इस मकबरे में किसे दफनाया गया है और इसका निर्माण किसने कराया।

मुझे इस बारे में कोई सूचना नहीं- सिसोदिया

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुझे इस बारे में कोई सूचना नहीं है। उन्होंने कहा कि मैंने विभाग से जांच करने और रिपोर्ट भेजने को कहा है।

देश भर के स्मारकों की देख रेख पुरातत्व विभाग के साथ मिल कर इनटैक (INTACH) नाम की संस्था पिछले कई वर्षों से कर रही है। इनटैक दिल्ली के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने कहा कि वे 15 वीं सदी के बनाए गए स्मारकों की देखरेख कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह स्मारक बंद है। इसके पुनरुद्धार का काम स्थानीय लोगों के विरोध की वजह से नहीं हो सकता है।

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उन्होंने कहा कि इस बारे में मदद के लिए हम पुलिस में भी गए थे लेकिन हमारा काम नहीं बन पाया। लेकिन अब यह एक मंदिर बन गया और हमने एक स्मारक खो दिया है। इस स्मारक के पास गेरुआ रंग की बैठने की दो बेंच लगा दी गई है। उसपर बीजेपी काउंसिलर राधिका एबरोल फोगाट का नाम लिखा है।

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