
दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश और यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। फरीदाबाद में हथिनीकुंड बैराज से 3.21 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, जिसके 72 घंटे में दिल्ली पहुंचने की आशंका है। जिला प्रशासन ने फरीदाबाद में हाई अलर्ट जारी किया है।

गुरुग्राम में भारी बारिश और जलभराव के कारण मंगलवार से सभी कॉर्पोरेट कार्यालयों और निजी संस्थानों में वर्क फ्रॉम होम की सलाह दी गई है, जबकि स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं शुरू करने का निर्देश दिया गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मंगलवार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
फरीदाबाद के गांव किड़ावली में यमुना किनारे जन्मदिन मनाने आए दिल्ली के मीठापुर निवासी आयुष और उनके दोस्त धर्मेंद्र तेज बहाव में डूब गए। गुरुग्राम में सोमवार को दो घंटे की तेज बारिश से सड़कों पर 2-3 फीट पानी भर गया, जिससे देर शाम तक जाम की स्थिति बनी रही। मौसम विभाग के अनुसार, गुरुग्राम में वजीराबाद में 116 मिमी, कादीपुर और हरसरु में 94 मिमी, बादशाहपुर में 56 मिमी, सोहना में 33 मिमी, मानेसर में 24 मिमी और पटौदी में 13 मिमी बारिश दर्ज की गई। फरीदाबाद में धौज में 60 मिमी, गोछी में 27 मिमी, बल्लभगढ़ में 25 मिमी और शहर में 19 मिमी बारिश हुई।
दिल्ली में सोमवार को 18.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिसमें नजफगढ़ में 49.5 मिमी बारिश के कारण कई इलाकों में जलभराव हो गया। नोएडा में भी तेज बारिश से सड़कों पर पानी भर गया और जाम की स्थिति बनी। पिछले 24 घंटे में नोएडा में 18 मिमी बारिश दर्ज की गई, अधिकतम तापमान 29.8 डिग्री और न्यूनतम 24.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि आद्रता 95% थी। नोएडा का AQI 58 और ग्रेटर नोएडा का AQI 54 रहा। IMD ने अगले तीन-चार दिनों तक बूंदाबांदी की संभावना जताई है, हालांकि मंगलवार के लिए कोई चेतावनी नहीं है।
हरियाणा में यमुना, मारकंडा, घग्गर और टांगरी नदियों के उफान से स्थिति गंभीर है। प्रशासन ने यमुना किनारे के गांवों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा है। कुरुक्षेत्र में मारकंडा का जलस्तर बढ़ रहा है, जबकि अंबाला में टांगरी और कैथल में घग्गर का जलस्तर स्थिर है। सिरसा में ओटू हेड पर 17,580 क्यूसेक जलस्तर दर्ज किया गया।
यमुना पर आधारित नैनावाली, भूड़कलां, बेगमपुर और ताजेवाल पनबिजली योजनाओं में 10-12 लाख यूनिट प्रतिदिन का बिजली उत्पादन ठप हो गया है। हिसार में चार गांवों में ड्रेन टूटने से बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।