Birthdayspecial: …हरिवंश राय की ‘बेटी’ ने बखूबी संभाली कांग्रेस की कमान

सोनिया गांधीनई दिल्ली : आज भले ही पूरे देश में मोदी की लहर हो लेकिन एक समय था जब कांग्रेस ने पीढ़ी दर पीढ़ी देश और लोगों पर राज किया. पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी के बाद सोनिया गांधी ने कांग्रेस की कमान बखूबी संभाली है. आज सोनिया अपना 71 वां जन्मदिन मना रही हैं. 09 दिसंबर 1946 को इटली के लुसियाना में जन्मी सोनिया ने राजीव गांधी से शादी के बाद सोनिया भारत आईं.

एडविग एंटोनिया से भारत की सोनिया गांधी बनने का सफर बहुत ही शानदार है.

गांधी परिवार और बच्चन फैमिली आज भले ही एक-दूसरे से अलग हैं. लेकिन एक ऐसा समय भी था जब दोनों परिवार एक साथ खड़े थे और दोनों फैमिली को बंधने वाली सोनिया ही थीं. लेकिन आज दोनों परिवार नदी के दो किनारे की तरह हैं.

3 साल राजीव ने सोनिया को डेट किया. उसके बाद राजीव ने 21 साल की सोनिया से दिल्ली के सफदरगंज में शादी की थी. सोनिया और राजीव के रिश्ते के बारे में इंदिरा गांधी को पहले कुछ नहीं पता था. दोनों के रिश्ते के बारे में इंदिरा को उनकी दोस्त और अमिताभ की मां तेजी बच्चन ने ही बताया था.

जब 1968 में पहली बार सोनिया भारत आई थीं तो उनके रुकने की व्यवस्था अमिताभ के यहां की गई थी. सोनिया को दिल्ली में ही उनके घर भेज दिया. सोनिया वहां दो महीने रहीं. उस वक्त बच्चन परिवार 13 विलिंगटन क्रीसेंट में रहता था.

जब सोनिया संग राजीव की शादी हुई तो सोनिया के परिवार की गैरमौजूदगी में कन्यादान भी अमिताभ के माता पिता ने ही किया था.

तेजी ने उन्हें साड़ी पहनना और कुछ भारतीय रीति रिवाजों के बारे में बताया. हरिवंश ने अपनी आत्मकथा दशद्वार से सोपान में लिखा है, ”हमारे आत्मीयतापूर्ण व्यवहार से सोनिया इतनी प्रभावित हुईं कि उसने तेजी से धर्म की मां और अमित (अमिताभ) और बंटी (अजिताभ) से धर्म के भाई का रिश्ता जोड़ लिया था.”

कई सालों तक गांधी परिवार और बच्चन परिवार साथ लगे बंगलों में ही रहते थे. सोनियाने दोनों बंगलों के बीच आने जाने के लिए एक रास्ता भी बना लिया था, जिसको लेकर बाद में गुप्तचर एजेंसियों ने ऐतराज भी किया था. लेकिन इस दोनों परिवार को भी शायद किसी की नजर लग गई, जो इतने बेहतर रिश्ते होते हुए भी आज दोनों परिवार एक दूसरे अलग हैं.

दोनों परिवार के रिश्ते में खटास तब आई जब अमिताभ का नाम बोफोर्स केस में आया. इसके बाद दोनों परिवार जुदा हो गए और रिश्ते ऐसे बिगड़े कि ना तो प्रियंका गांधी की शादी पर बच्चन परिवार था और ना अभिषेक की शादी में गांधी परिवार.

हरिवंश राय बच्चन ने इसका उल्लेख अपनी बायोग्राफी में किया है.

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