भारत के गौरवशाली इतिहास को कुछ इस तरह दर्शाता है यह स्थान, जानें क्या है खासियत

भारत का हर कोना अपनी ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता है। उत्तर से लेकर दक्षिण तक भारत में कई ऐसे एतिहासिक विरासत हैं जिनके बारे में शायद ही आपको कुछ पता हो। दक्षिण हिन्दू राजाओं के अलावा यहां मुगलों ने भी काफी समय तक राज किया, जिनकी निशानी के तौर पर यहां कई प्राचीन संरचनाओं को देखा जा सकता है। भारत के दक्षिण राज्य में सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, वास्तुकला महत्व के लिए यहां की यात्रा की जा सकती है। आज हम आपको कर्नाटक के बीदर स्थान के बारे में बताएंगे कि यहां क्या है खास।

इतिहास

बीदर का किला

बीदर शहर का नाम कई ऐतिहासिक विरासतों में शुमार है। अगर आप इतिहास प्रेमी है और आपको अपने इतिहास के बारे में जानने का मन करता है तो आप यहां आकर अपने देश के इतिहास के बारे में अच्छे से जान सकते हैं। इस किले का निर्माण बहमनी राज्य के सबसे शक्तिशाली शासक अलाउद्दीन बहमन ने कराया था। यह किला दक्षिण के बहमनी साम्राज्य के गर्व का प्रतीक माना जाता है। यह विशाल संरचना बीदर के मुख्य आकर्षणों में गिनी जाती है। इसके अलावा भी आप यहां और भी ऐतिहासिक संरचनाओं को देक सकते हैं।

नरसिम्हा झीरा गुफा मंदिर

बीदर में एक बहुत ही प्रसिद्ध गुफा है जिसको झीरा के नाम से जाना जाता है। इस गुफा में एक मंदिर भी है। गुफा के अंदर बना हुआ यह मंदिर कर्नाटक की एक अलग ही छवि को दर्शाता है। माना जाता है कि यहां सच्चे दिल से मांगी गई हर मुराद जरूर पूरी होती है। इस गुफा के अंदर भगवान विष्णु के नरसिम्हा अवतार का मंदिर है। यह भगवान आधे शेर और आधे इंसान के रूप में जाने जाते हैं। यह मंदिर भी अपनी वास्तुकला के लिए काफी विख्यात है। बीदर से इस मंदिर की दूरी महज 1 किमी की है।

नरसिम्हा झीरा गुफा मंदिर

 

बहमनी के मकबरे

बीदर के ऐतिहासिक आकर्षणों में आप बहमनी के 12 मकबरों के समूह को भी देख सकते हैं। कला-वास्तुकला के प्रेमियों के लिए यह स्थल काफी ज्यादा मायने रखता है। बहमनी के मकबरे बहमनी साम्राज्य के कई शासकों से संबंध रखते हैं, जो कभी यहां शासन किया करते थे। इन मकबरों में अहमद शाह अलवाली बहमन का मकबरा देखने लायक है। शाह अलवाली बीदर के नवे शासक थे। इस मकबरे के आंतरिक भाग को चटक रंगों और कलाकृतियों से सजाया गया है। शाह अलवाली की पत्नी और बेटों के मकबरे भी यहां मौजूद हैं। यहां आकर आप इतिहास के कई अहम पहलुओं को समझ सकते हैं, और अपने ज्ञान का विस्तार कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें:इस मानसून सीजन रोमांटिक सफर के लिए हो जाएं तैयार

गुरुद्वारा नानक झीरा साहिब

मंदिर और यहां के ऐतिहासिक स्थानों के अलावा आप यहां के सिखों के प्रसिद्ध गुरू नानक झीरा साहिब का भी दर्शन कर सकते हैं। यह गुरुद्वारा बीदर में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले स्थानों में गिना जाता है। यहां रोजाना कई श्रद्धालु और पर्यटक इस पवित्र स्थल के दर्शन के लिए आते हैं। इस गुरुद्वारे को सन 1948 में बनाया गया था। अगर आपको मानसिक तनाव को दूर करने और थोड़ा सी शांति वाला वातावरण चाहिए तो इस गुरुद्वारे में जाकर थोड़ा समय बिता सकते हैं।

महमूद ज्ञान मद्रास

बीदार में स्थित यह मदरसा इस्लामी शिक्षा का एक बड़ा ही केंद्र माना जाता है। इस मदरसे का निर्माण 15 शताब्दी में हुआ था। इस मदरसे का निर्माण बहमनी के शासक ने करवाया था। यह एक आवासीय शिक्षण केंद्र था जहां इस्लाम से जुड़ी परंपराओं और संस्कृति के बारे में पढ़ाया जाता है। लेकिन कुछ ही समय बाद यह मदरसा मुगल शासक के हाथों ध्वस्त कर दिया गया था। यह मदरसा अपनी वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है।

 

 

 

LIVE TV