कैश की कमी पर ‘President’ का खुलासा, इस वजह से छपना बंद हुए नए नोट

नई दिल्ली। देश के लगातार कई राज्यों में कैश की कमी के चलते सरकार को बैकफुट पर ला दिया है। स्थिति को संभालने के लिए वित्त मंत्री और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बयान आ रहे हैं। लेकिन कैश की कमी से मचे हाहाकार के बीच एक बड़ा दावा किया गया है।

कैश की कमी

17 महीने पहले की गई नोटबंदी के बाद सरकार की तरफ से कहा गया था कि नकली नोटों के चलते भारत की करेंसी के लिए स्वदेशी कागज का इस्तेमाल होगा। हालांकि कुछ कागज भारत में बाहर से मंगाए भी जाते हैं। लेकिन इस पर होने वाली छपाई की स्याई विदेशी ही है। जिसकी इस समय भारी कमी है और इसी के कारण कैश की कमी हो गई है। एक नेता ने यह खुलासा किया है।

यह भी पढ़ें : नकदी की कमी के बीच आई होश उड़ाने वाली खबर, कैश ट्रांजैक्शन डालेगा जेब पर डाका!

स्याही खत्म होने से नासिक में नोट छपाई कारखाने में 200 रुपए और 500 रुपए के नोटों की छपाई में फिलहाल बंद है। एक मजदूर नेता ने बुधवार को यह दावा किया।

छापखाना कामगार परिसंघ के अध्यक्ष जगदीश गोडसे ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘नोटों की छपाई में विदेश की स्याही इस्तेमाल होती, जो अभी खत्म हो गई है। इस कारण 200 रुपए और 500 रुपए के नोटों की छपाई रुक गई है।’

उन्होंने कहा कि देश भर में नकदी की कमी के पीछे यह भी एक कारण हो सकता है। हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया कि नोटों की छपाई कब से बंद है।

यह भी पढ़ें : कैश की किल्लत झेल रही जनता को RBI का झटका, 6 महीने में निकलेगा सिर्फ 1 हजार

यह टिप्पणी ऐसे वक्त आई है जब सरकार ने एक ही दिन पहले 500 रुपए के नोटों की छपाई पांच गुना बढ़ाने का आदेश दिया है ताकि अगले महीने 75 हजार करोड़ रुपए के नए नोटों की आपूर्ति की जा सके। कुछ राज्यों में चुनाव से पहले मांग में तेजी आने के कारण देश के कई हिस्सों में भी एटीएम खाली पड़े रहने की खबरें हैं।

बुधवार को उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और चुनाव की तैयारी में जुटे कर्नाटक के कई शहरों में एटीएम में नकदी नहीं रही या उनके खराब होने का बोर्ड टंगा मिला। इसके साथ ही यह नोटबंदी का दौर याद दिला गया। दिल्ली में भी कुछ एटीएम के काम नहीं करने की खबरें सामने आईं।

हालांकि सरकार ने अपनी ओर से दावा किया कि स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है और देश भर के 2.2 लाख एटीएम में से 80 प्रतिशत काम करने लगे हैं। दावे के मुताबिक बुधवार को महज 60 प्रतिशत एटीएम सही से काम कर रहे थे।

यह भी पढ़ें : यूपी पुलिस का एक और कारनामा, सवालों के घेरे में बाराबंकी एनकाउंटर

उधर गुरुवार को पटना में कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि नकदी की कमी एटीएम में बनी हुई है। एक व्यक्ति ने कहा, एटीएम से कैश नहीं निकलने के चलते हम अपना रोज का खर्चा नहीं चला पा रहे। हम काफी मुश्किल में हैं। कई एटीएम में घुमने के बाद किसी एक से पैसा मिलता है।

नकदी की मांग में अचानक तेजी आने से यूपी, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक समेत कई अन्य राज्यों में एटीएम और बैंकों में कैश की कमी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि सरकार और रिजर्व बैंक ने लोगों को भरोसा दिलाया कि ऐसी कोई समस्या नहीं है।

इससे पहले देश में मुद्रा की कमी की आशंका को दूर करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा था कि सरकार ने स्थिति की समीक्षा की है और ‘पर्याप्त से अधिक नकदी उपलब्ध है।’

जेटली ने ट्वीट किया, “देश में मुद्रा की स्थिति की समीक्षा की है। कुल मिलाकर पर्याप्त अधिक मुद्रा प्रचलन में है और बैंकों के पास भी उपलब्ध है। कुछ इलाकों में अचानक व असामान्य वृद्धि की वजह से पैदा हुई अस्थायी कमी से जल्द निपटने की कोशिश की जा रही है।”

इस जगह छापा जाता है नोट

देश में चार बैंक नोट प्रेस, चार टकसाल और एक पेपर मिल है। नोट प्रेस मध्य प्रदेश के देवास, नासिक, सालबोनी और मैसूर में हैं। 1000 के नोट मैसूर में छपते हैं। देवास की नोट प्रेस में एक साल में 265 करोड़ नोट छपते हैं।

देवास में तैयार स्याही का ही उपयोग किया जाता है। इनमें 20, 50, 100, 500 रुपए मूल्य के नोट शामिल हैं। मध्य प्रदेश के ही होशंगाबाद में सिक्यॉरिटी पेपर मिल है। नोट छपाई पेपर होशंगाबाद और विदेश से आते हैं। जबकि टकसाल मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और नोएडा में हैं।

नोट के कागज और इस्तेमाल होने वाली स्याही

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नोट तैयार करने के लिए कॉटन से बने कागज और खास तरह की स्याही का इस्तेमाल किया जाता है। भारतीय करंसी नोट तैयार करने के लिए जिस कागज का इस्तेमाल होता है, उसमें कुछ का प्रोडक्शन महाराष्ट्र स्थित करंसी नोट प्रेस (सीएनपी) और अधिकांश का प्रोडक्शन मध्य प्रदेश के होशंगाबाद पेपर मिल में ही होता है।

कुछ पेपर इम्पोर्ट भी किया जाता है। नोट छापने के लिए ऑफसेट स्याही का निर्माण मध्य प्रदेश के देवास स्थित बैंकनोट प्रेस में होता है। जबकि नोट पर जो उभरी हुई छपाई नजर आती है, उसकी स्याही सिक्कम में स्थित स्वीस फर्म की यूनिट सिक्पा (एसआईसीपीए) में बनाई जाती है।

LIVE TV