Ramadan 2020: लॉकडाउन के बीच रमजान की नमाज़ घरों से हुई अदा, गर्मी में रोजेदारों की होगी कठिन परीक्षा

रमजान का पाक महीना शुरु हो चुका है. साथ ही कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में सभी को अपने-अपने घरों से इबादत करने को कहा जा रहा है. महामारी का खतरा और न फैले इसलिए एक जगह भीड़ इकट्ठी करने पर पाबंदी है. रमजान का चांद शुक्रवार की शाम नजर आया जिसके बाद शहर काजी ने माहे रमजान का एलान कर दिया. आज रमजान का पहला रोजा है.

रमजान

 

 

शहर काजी मौलाना मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि इस बार लॉकडाउन के चलते घरों से ही इबादत करनी है। उन्होंने सभी लोगों से अपील की कि वह कहीं भी भीड़ इकट्ठा न करें। नमाज भी अपने घरों से ही अदा करें। वहीं, शहर मुफ्ती मो. सलीम अहमद ने भी माहे रमजान की मुबारकबाद देते हुए कहा है कि इस बार इफ्तारी में पड़ोस के जरूरतमंद लोगों की मदद भी करें। उन्होंने लोगों से घरों में रहकर इबादत करने की अपील की है।

 

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रोजेदारों के लिए इस बार भी माहे रमजान में 14 घंटे से ऊपर का रोजा होगा। दून में रोजे का जो टाइम टेबल जारी किया गया है, उसके मुताबिक, पहला रोजा जहां 14 घंटे और 39 मिनट का होगा तो वहीं आखिरी रोजा 15 घंटे 27 मिनट का होगा।

 

गर्मी के बीच रोजेदारों की कठिन परीक्षा होगी

 

माहे रमजान में इस बार भी गर्मी के बीच रोजेदारों की कठिन परीक्षा होगी। रोजों की शुरुआत का अशरा करीब साढ़े 14 घंटे का होगा लेकिन आखिरी अशरे तक पहुंचते-पहुंचते रोजे का समय करीब 48 मिनट बढ़ जाएगा। शहर मुफ्ती मो. सलीम अहमद की ओर से जारी किए गए रमजान के कैलेंडर के मुताबिक 25 अप्रैल को पहले रोजे की सहरी सुबह चार बजकर 15 मिनट पर खत्म हो जाएगी।

इसके बाद रोजा इफ्तार 14 घंटे 39 मिनट बाद शाम को छह बजकर 54 मिनट पर होगा। रमजान के 30वें रोजे में सहरी का वक्त सुबह तीन बजकर 45 मिनट पर खत्म हो जाएगा और रोजा इफ्तार शाम सात बजकर 12 मिनट पर होगा। यानी पहले रोजे की तुलना में आखिरी रोजा करीब 48 मिनट अधिक समय का होगा।

मुफ्ती सलीम अहमद का कहना है कि रोजेदारों के लिए यह इबादतों का महीना होता है। इसमें पांचों वक्त की पाबंद नमाज के साथ ही रोजाना रात को ईशा की नमाज में विशेष तरावीह की नमाज भी अदा की जाती है।

 

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