आयुष मंत्रालय तथा केंद्रीय राज्य मंत्री, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय प्रतापराव जाधव ने कहा कि राजस्थान में सबसे अधिक संख्या में आयुष्मान आरोग्य मंदिर हैं तथा यहां तेजी से बुनियादी ढांचे का विकास हो रहा है

राष्ट्रीय आयुष मिशन, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित इस कॉन्क्लेव में राजस्थान सरकार आयुष स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढाँचे को सशक्त करने, सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों तक आयुष सेवाओं की पहुँच को सुनिश्चित करने, और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के साथ एकीकृत कर जन सामान्य के हित में किये जा रहे प्रयासों के लिए राज्य की सराहना की गई।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), आयुष मंत्रालय तथा केंद्रीय राज्य मंत्री, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय श्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि राजस्थान में सबसे अधिक संख्या में आयुष्मान आरोग्य मंदिर हैं तथा यहां तेजी से बुनियादी ढांचे का विकास हो रहा है, जो इसे भारत के आयुष विस्तार में आधारशिला बनाता है। वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव, आयुष मंत्रालय द्वारा कहा गया कि राजस्थान की एनएएम गतिविधियां स्वास्थ्य सेवा को मजबूत कर रही हैं, पारंपरिक चिकित्सा उद्योगों को सशक्त बना रही हैं तथा आयुष पारिस्थितिकी तंत्र के लिए कुशल जनशक्ति को बढ़ावा दे रही हैं।
राजस्थान आयुष आधारित स्वास्थ्य सेवा में अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है, आयुष मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रम राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) के माध्यम से, आयुष मिशन राजस्थान द्वारा आठ 50 शैया युक्त एकीकृत आयुष चिकित्सालयों की स्थापना की गयी है, जिससे आयुष सेवाओं की गुणवत्ता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। आयुष मिशन, राजस्थान द्वारा देश में सर्वाधिक 2019 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) क्रियाशील किये गए हैं जो समग्र स्वास्थ्य सेवा के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। इनमें से 50 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) को एनएबीएच प्रमाणन भी प्राप्त हुआ है, जो राज्य के गुणवत्ता मानकों की पुष्टि करता है।
राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत राज्य में आयुष सेवाओं के बुनियादी ढांचे का विकास भी उल्लेखनीय रहा है, आयुष सुविधाओं के लिए 90 प्रतिशत औषधालय/चिकित्सालय के निर्माण कार्य पूरे हो चुके हैं। अर्श, भगंदर आदि रोगों की क्षार सूत्र द्वारा शल्य चिकित्सा हेतु 10 क्षार सूत्र शल्य चिकित्सा इकाइयों की स्थापना की गयी है, उच्च गुणवत्ता युक्त औषधियों के निर्माण हेतु औषध निर्माण शालाओं को उन्नत किया गया है, औषधालयों/चिकित्सालयों को समयबद्ध औषध आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु कुशल इन्वेंट्री प्रबंधन के लिए पोर्टल बना कर औषध आपूर्ति प्रणाली को और बेहतर बनाया जा रहा है।
राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत 2015-16 से अब तक राजस्थान हेतु 68528.334 लाख रूपये स्वीकृत किये गए हैं, जिनका राज्य द्वारा कुशल रणनीति का परिचय देते हुए राज्य हित में आयुष स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढीकरण हेतु समुचित उपभोग किया गया है, जो अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय मॉडल है। पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक प्रणाली के साथ मिलाकर, राजस्थान अपने लोगों के लिए समग्र स्वास्थ्य सेवा को एक पहचान बनाने में अग्रणी बना हुआ है। 2000 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के साथ, राजस्थान ने आयुष स्वास्थ्य सेवाओं में एक राष्ट्रीय मानक स्थापित किया है जो राज्य के बुनियादी ढांचे और व्यवस्थित उन्नयन, मजबूत शासन और समग्र स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता का स्पष्ट संकेत है। इस अवसर पर राज्य के आयुष विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री भवानी सिंह देथा भी उपस्थित थे।