मौसम का कहर: भारी बारिश से तबाही, अमरनाथ यात्रा समय से पहले समाप्त, तीन राज्यों में सेना का राहत अभियान

देश के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान और मध्य प्रदेश में बाढ़ और भूस्खलन ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। बारिश के कारण मार्गों के क्षतिग्रस्त होने से अमरनाथ यात्रा को निर्धारित समय से एक सप्ताह पहले 3 अगस्त 2025 को ही बंद कर दिया गया।

जम्मू-कश्मीर के कठुआ और उधमपुर में दो पुल ढह गए, जबकि पांच घरों में दरारें आ गईं। उत्तराखंड के चमोली में भूस्खलन से एक जल विद्युत परियोजना प्रभावित हुई, जिसमें 12 मजदूर घायल हो गए। हिमाचल में 101 लोगों की मौत हो चुकी है, और सेना ने पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश में राहत कार्य तेज कर दिए हैं।

अमरनाथ यात्रा पर असर
कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधुड़ी ने बताया कि भारी बारिश और भूस्खलन से अमरनाथ यात्रा के बालटाल और पहलगाम मार्गों को भारी नुकसान पहुंचा है। मार्गों की मरम्मत के लिए यात्रा को पहले 3 अगस्त तक स्थगित किया गया था, लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इसे पूरी तरह समाप्त कर दिया गया। यह यात्रा पहले 9 अगस्त को रक्षा बंधन के दिन खत्म होने वाली थी। इस साल 4.10 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा बर्फानी के दर्शन किए।

चमोली में भूस्खलन की घटना
चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि हेलंग के पास टीएचडीसी विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना स्थल पर भूस्खलन हुआ। घटना के समय वहां 300 मजदूर काम कर रहे थे। पत्थर गिरने से 12 मजदूर घायल हो गए, जिनमें से चार की हालत गंभीर है। एक मजदूर को रीढ़ की हड्डी में चोट के कारण श्रीनगर के अस्पताल में भेजा गया। सभी घायलों को पिपलकोटी के विवेकानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। टीएचडीसी को मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बाद ही काम शुरू करने का निर्देश दिया गया है।

सेना का राहत अभियान
मध्य प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में बाढ़ से बिगड़े हालात को नियंत्रित करने के लिए भारतीय सेना ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। मध्य प्रदेश के ईसागढ़, सिहोर और गुना में सेना की टुकड़ियां तैनात हैं, जबकि राजस्थान के धौलपुर में भी राहत कार्य चल रहे हैं। सेना ने अब तक 105 लोगों को सुरक्षित निकाला है और 300 से अधिक लोगों को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान की है।

हिमाचल में भारी नुकसान
हिमाचल प्रदेश में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से मृतकों की संख्या 101 तक पहुंच गई है। चार राष्ट्रीय राजमार्ग—चंडीगढ़-मनाली (एनएच 21), मनाली-लेह (एनएच 3), औत-लुहरी (एनएच 305) और खाब-ग्रम्फू (एनएच 505)—सहित 387 सड़कें बंद हैं, जिनमें मंडी जिले की 187 सड़कें शामिल हैं। इसके अलावा, 747 विद्युत वितरण ट्रांसफार्मर और 249 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात कर बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत पैकेज की मांग की है।

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