
उत्तर प्रदेश में लगातार बारिश ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें वाराणसी और प्रयागराज सबसे अधिक प्रभावित शहरों में शामिल हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में लखनऊ, मऊ, गोरखपुर, बलिया, वाराणसी, सोनभद्र सहित 55 जिलों के लिए भारी बारिश, तेज हवाओं और बिजली गिरने की चेतावनी के साथ ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। गंगा, यमुना, रामगंगा, गोमती, शारदा और राप्ती जैसी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

वाराणसी और प्रयागराज में बाढ़ का कहर
वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिसके कारण सभी 84 घाट पानी में डूब गए हैं। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पूरी तरह जलमग्न हैं, जिसके चलते अंतिम संस्कार के लिए स्थान बदलना पड़ा है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, वाराणसी में गंगा का जलस्तर 24 घंटों में 0.7 मीटर बढ़ा है। निचले इलाकों में पानी घुसने से 80 से अधिक घाटों पर धार्मिक गतिविधियां ठप हो गई हैं।
प्रयागराज में भी स्थिति गंभीर है, जहां गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। करेला बाग जैसे निचले इलाकों में पानी भर गया है, और लोग नावों का सहारा लेकर अपने कार्यस्थलों तक पहुंच रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने ANI को बताया, “सुबह 8 बजे से करेला बाग में बाढ़ जैसी स्थिति है। ससुर खदेरी नदी का पानी उफान पर है, जिससे हमें भारी परेशानी हो रही है।” बड़े हनुमान मंदिर में भी पानी घुस गया है। ललितपुर के माताटीला बांध के 18 गेट और गोविंद सागर बांध के 8 गेट खोल दिए गए हैं, जिससे बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत और बचाव कार्यों के निर्देश दिए हैं। रविवार को उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने हमीरपुर में हवाई सर्वेक्षण किया और विस्थापित लोगों के लिए किए गए इंतजामों का जायजा लिया। गोंडा में हाल ही में सरयू नहर में बोलेरो गिरने से 11 लोगों की मौत के बाद प्रशासन ने नदियों के किनारे बसे गांवों में सतर्कता बढ़ा दी है। प्रयागराज में जिला मजिस्ट्रेट रविंद्र मंदर ने 88 बाढ़ चौकियां स्थापित की हैं और 47 गांवों को संवेदनशील घोषित किया है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) को प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है।
अखिलेश यादव का BJP पर तंज
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बाढ़ और जलजमाव की स्थिति के लिए BJP की स्मार्ट सिटी परियोजना पर निशाना साधा। उन्होंने X पर लिखा, “प्रयागराज में 20 हजार करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी जलजमाव के सिवा क्या मिला? भ्रष्टाचार की गहरी खाई में भरा पानी BJP के घोटालों को उजागर कर रहा है। स्मार्ट सिटी के नाम पर पानी डालने वाले BJP वाले अपनी-अपनी नाव लेकर कहां गायब हो गए?” अखिलेश ने लखनऊ और अन्य शहरों में जलजमाव को BJP की स्मार्ट सिटी योजना की विफलता करार दिया।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, एक निम्न दबाव का क्षेत्र दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश में सक्रिय है, जिसके कारण अगले 24 घंटों में भारी बारिश की संभावना है। ऑरेंज अलर्ट वाले 55 जिलों में तेज हवाएं (40-50 किमी/घंटा) और बिजली गिरने का खतरा है। बहराइच, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बाराबंकी, गोंडा और श्रावस्ती जैसे उत्तरी जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। निचले इलाकों में जलजमाव और अंडरपास बंद होने से यातायात प्रभावित हो सकता है।
प्रमुख प्रभावित क्षेत्र और नदियां
- वाराणसी: गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, घाट डूबे, धार्मिक गतिविधियां बाधित।
- प्रयागराज: गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ा, करेला बाग जैसे क्षेत्र जलमग्न।
- अन्य जिले: रामगंगा, गोमती, शारदा और राप्ती नदियां खतरे के निशान के करीब। बहराइच, लखीमपुर खीरी और बलिया में बाढ़ का खतरा।
- पिछले आंकड़े: 18 जुलाई 2025 को चंदौली में 240 मिमी और मेजा (प्रयागराज) में 207 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।