केरल में बारिश व बाढ़ से भारी तबाही, मरने वालों की संख्या 87 हुई

तिरुवनंतपुरम। केरल में बाढ़ से जान व माल का नुकसान लगातार जारी है। बारिश व बाढ़ से राज्य में मरने वालों की संख्या गुरुवार को 87 तक पहुंच गई। बड़े पैमाने पर चल रहे राहत व बचाव अभियान में केंद्र ने सेना के तीनों अंगों की तैनाती की है। गुरुवार दोपहर तक 20 और लोगों की मौत की पुष्टि हुई है जिनमें अधिकांश मलप्पुरम, कोझिकोड, पलक्कड़ और त्रिशूर के रहने वाले थे।

केरल में बारिश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य केंद्रीय नेताओं के साथ बातचीत के बाद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मीडिया से कहा कि शनिवार तक लगातार बारिश के पूवार्नुमान के बाद केंद्र ने अधिक राहत बलों और सामग्रियों की आपूर्ति को मंजूरी दी है।

उन्होंने कहा, “बचाव कार्य में लगे राज्य के मौजूदा 10 हेलीकॉप्टरों के बेड़े में 10 और हेलीकॉप्टर शामिल हो जाएंगे। इसके अलावा, भारतीय वायुसेना और नौसेना चार-चार हेलीकॉप्टर भेजेंगी।”

विजयन ने कहा, “इसके साथ ही राहत कार्यों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 40 और टीमें और समुद्री कमांडो की एक टीम शामिल होगी जो आज (गुरुवार को) यहां पहुंचेगी और अपना काम शुरू कर देगी।”

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उन्होंने कहा कि राहत व बचाव में सेना, वायुसेना, नौसेना, कोस्ट गार्ड और एनडीआरएफ की बावन टीमें लगी हुई हैं। और अधिक, टीमों के जुड़ने से राहत व बचाव अभियान में और तेजी आएगी।

विजयन ने कहा, “अल्वाए, चालाकुडी और एर्नाकुलम के कुछ हिस्सों में लोगों को बचाव अभियान में लगे लोगों की बातों को सुनना चाहिए क्योंकि पेरियार नदी में अधिक पानी आने वाला है और इससे स्थिति और भी खराब हो सकती है। इस वजह से पेरियार के दोनों ओर एक किलोमीटर तक क्षेत्र में रहने वाले और इन स्थानों में इसकी सहायक नदियों के आसपास के इलाकों में लोगों के लिए उच्च चेतावनी जारी की गई है।”

बीते 24 घंटों में मध्य केरल का पत्तनमतिट्टा जिला सर्वाधिक प्रभावित रहा। यहां छात्रों सहित हजारों की संख्या में लोग रान्नी, अरनमुला और कोझेनचेरी में अपने घरों में फंसे हैं।

कोल्लम से नौका बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंची और रक्षाकर्मियों की सहायता से बचाव अभियान जारी है।

एर्नाकुलम और त्रिशूर के हिस्सों में इडुक्की जिलों से बांध का पानी पेरियार और इसकी सहायक नदियों तक पहुंचने से एर्नाकुलम और त्रिशूर को जूझना पड़ रहा है।

एर्नाकुलम और त्रिशूर के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात को नियंत्रित किया गया है। एर्नाकुलम और अंगामाले के बीच रेल संचालन बंद हैं। तिरुवनंतपुरम रेलवे स्टेशन पर टिकट जारी नहीं किए जा रहे हैं।

सभी शैक्षणिक संस्थान गुरुवार को भी बंद हैं।

हालांकि, राज्य की राजधानी में बारिश कम होने से स्थिति में गुरुवार को सुधार हुआ। निचले इलाकों में जलभराव भी कम हो रहा है।

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लगातार बारिश होने के कारण केरल में 33 बांधों के प्रवेश द्वार मंगलवार को खोल दिए गए जिससे स्थिति और खराब हो गई है।

एक अधिकारी ने कहा कि लोकप्रिय पर्यटक स्थल मुन्नार में स्थिति खराब बनी हुई है।

प्रशासन का कहना है कि अकेले वायनाड में 20,000 से अधिक लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं।

कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे को बुधवार को शनिवार तक के लिए बंद कर दिया गया क्योंकि पेरियार नदी का पानी परिचालन क्षेत्र तक आ गया है।

रक्षा बल और आपदा प्रतिक्रिया टीमें कोझिकोड, वायनाड़, पत्तनमतिट्टा, एर्नाकुलम, इडुक्की और कन्नूर जिलों में अस्थाई पुलों का निर्माण और सड़कों की सफाई कर रहीं हैं।

वर्ष 1924 के बाद से राज्य में कभी भी अत्यधिक बारिश और विनाशकारी बाढ़ से इतने बड़े पैमाने पर तबाही नहीं हुई।

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