रेलवे के झूठे दावे की खुली पोल, खतरों से भरा है कांवड़ियों का सफर
रिपोर्ट- पंकज श्रीवास्तव
गोरखपुर। कहावत है कि हाथी के दांत, खाने के कुछ और दिखाने के कुछ और होते है ये कहावत बिल्कुल सटीक बैठती है पूर्वोत्तर रेलवे पर क्योंकि रेलवे द्वारा चलाई जा रही श्रावणी मेला स्पेशल ट्रेन में सीटों की उपलब्धता के साथ सुरक्षा की गारंटी के दावे रेलवे कर रहा है लेकिन हकीकत देख आप शर्मा जाएंगे।
गोरखपुर में पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय है। यहां से लाखों की संख्या में श्रद्धालु हर साल सावन में बाबा धाम दर्शन के लिए जाते हैं। हर साल की तरह इस साल भी रेलवे ने बाबा धाम जाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई है लेकिन ट्रेन में अव्यवस्था और बदइंतजामी के अलावा कुछ नहीं दिख रहा है। ट्रेन में न तो यात्रियों को बैठने के लिए जगह मिल रही है न ही उनके सुरक्षा और संरक्षा की गारंटी है।
ऐसे में इन यात्रियों को ट्रेन छोड़ने की मजबूरी के बीच कितनी असुविधा हो रही है इसका अंदाजा खुद ही लगाया जा सकता है। बाबा धाम जा रही कमलावती देवी बताती हैं कि महिलाओं के लिए कोई सुविधा नहीं है। ट्रेन में ज्यादा भीड़ है, ट्रेन में बैठने का इंतजाम नहीं है, कांवड़ियां यात्रा पूरी नहीं कर पा रहे हैं।
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श्रद्धालु केदारनाथ मौर्या, कांवड़ लेकर बाबा धाम के लिए निकले हैं। वे बताते हैं कि ट्रेन में कोई सुविधा नहीं दिखाई दे रही है। यात्रियों की संख्या अधिक है, एक स्पेशल ट्रेन पर्याप्त नहीं है। श्रद्धालु महेन्द्र सिंह भी बताते हैं कि स्पेशल ट्रेन में भीड़ अधिक होने के कारण परेशानी हो रही है। उनका कहना है कि सरकार को ट्रेने बढ़ा देनी चाहिए। जिससे श्रद्धालुओं को राहत मिल सके। रामभौल गुप्ता की भी ट्रेन छूट गई, वे बताते हैं कि ट्रेन में भीड़ बहुत थी और बैठने की व्यवस्था नहीं थी। सुविधाएं काफी कम मिल रही है, हमलोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।