संयुक्त राष्ट्र विकास कोष में भारत करेगा 10 करोड़ डॉलर का योगदान

गरीब देशों की मददनई दिल्ली। भारत ने विश्व संगठन के सतत विकास लक्ष्यों, गरीबी कम करने और जीवन स्तर सुधारने में गरीब देशों और गरीब देशों की मदद करने के लिए भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास साझेदारी कोष में 10 करोड़ डॉलर का योगदान देने की प्रतिबद्धता जताई है।

भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन के वकील अंजनी कुमार ने सोमवार को विकास कार्यो के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रतिज्ञा सम्मेलन-2017 में बहुवर्षीय योगदान देने की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि यह योगदान 1.05 करोड़ डॉलर के अलावा होगा। इसके तहत भारत संयुक्त राष्ट्र के अन्य कार्यक्रमों में योगदान दे रहा है।

सम्मेलन के सत्र को दौरान करीब 20 देशों ने कुल 39.8 करोड़ डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई।

आठ जून को शुरू हुए इस कोष का प्रबंधन संयुक्त राष्ट्र के दक्षिण-दक्षिण सहयोग कार्यालय (यूएनएएसएससी) और ‘फोकसेस ऑन द लीस्ट डिवेलप्ड कंट्रीज’ (एलडीसीएस) और ‘स्माल आइलैंड डेवलपिंग स्टेट्स’ (एसआईडीएस) द्वारा किया जाता है।

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अंजनी कुमार ने कहा कि कोष की पहली परियोजना सात प्रशांत द्वीप के देशों के साथ साझेदारी से संचालित की जा रही है। उन्होंने बताया कि कोष ने इसके बाद 15 और परियोजनाएं निर्धारित की हैं।

कोष को 10 करोड़ डॉलर का योगदान देने और अन्य कार्यक्रमों के लिए 1.05 करोड़ डॉलर का योगदान देने की प्रतिबद्धता संयुक्त राष्ट्र के नियमित बजट में भारत के योगदान के रूप में महासभा द्वारा अनिवार्य किए गए वार्षिक बकाये की राशि करीब 3.5 करोड़ डॉलर का हिस्सा है।

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कुल 1.05 करोड़ डॉलर का योगदान संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (45 लाख डॉलर), विश्व खाद्य कार्यक्रम (19.2 लाख डॉलर), फिलिस्तीन के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (12.5 लाख डॉलर), संयुक्त राष्ट्र महिलाएं (10 लाख डॉलर), यूनीसेफ (862,000 डॉलर), संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (500,000 डॉलर), यूएन हैबिटेट (150,000 डॉलर), संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (100,000 डॉलर), मादक पदार्थ एवं अपराध संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (100,000 डॉलर) और तकनीकी सहयोग के लिए स्वैच्छिक निधि (200,000 डॉलर) के लिए है।

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