
दिल्ली की वायु गुणवत्ता में रात भर में अचानक भारी गिरावट आई, जिसके चलते अधिकारियों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण नियंत्रण के कड़े उपाय लागू करने पड़े।

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में रात भर में अचानक भारी गिरावट आई, जिसके चलते अधिकारियों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण नियंत्रण के कड़े उपाय लागू करने पड़े। एक दिन पहले वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 349 था, जो रात भर में तेजी से बढ़ा और 13 दिसंबर को 401 तक पहुंच गया, जिससे यह आधिकारिक तौर पर ‘गंभीर’ श्रेणी में आ गया।
अधिकारियों के अनुसार, वायु गुणवत्ता में अचानक आई गिरावट का कारण धीमी हवा की गति, स्थिर वातावरण और प्रतिकूल मौसम की स्थिति थी, जिससे प्रदूषकों का फैलाव रुक गया। प्रदूषण का स्तर गंभीर सीमा को पार कर जाने के कारण, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने तत्काल प्रभाव से चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (GRAP) के तीसरे चरण को लागू करने का निर्णय लिया।
सीएक्यूएम की जीआरएपी उप-समिति ने बढ़ते प्रदूषण स्तर पर कड़ी निगरानी रखी और दिल्ली तथा आसपास के क्षेत्रों में एक्यूआई रीडिंग में लगातार वृद्धि देखी। एक्यूआई 401 से ऊपर पहुंचने के साथ ही यह क्षेत्र आधिकारिक तौर पर ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता श्रेणी में आ गया, जो 401 से 450 के बीच होती है। विशेषज्ञों ने बताया हैं की हवा की गति की कमी और स्थिर मौसम की स्थिति के कारण प्रदूषक सतह के पास जमा हो गए, जिससे कुछ ही घंटों में हवा की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट आ गयी।
तीसरे चरण के जीआरएपी के तहत, प्रदूषक स्तरों को कम करने के लिए कई प्रतिबंध लागू होते हैं। प्रमुख उपायों में शामिल हैं:
अनुमति
आपातकालीन सेवाओं, आवश्यक यात्रा और आवश्यक उद्योगों को संचालित करने की अनुमति है।
निजी वाहनों के उपयोग को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन सेवाएं लगातार काम कर रही हैं।
निगरानी और प्रवर्तन एजेंसियां आवश्यक निरीक्षण कर सकती हैं।
अनुमति नहीं:
निर्माण कार्य और विध्वंस कार्य निलंबित कर दिए गए हैं।
पटाखों का उपयोग और कचरे को खुले में जलाना सख्त वर्जित है।
अधिक उत्सर्जन करने वाले उद्योगों को या तो बंद कर दिया जाता है या उन्हें प्रदूषण नियंत्रण के सख्त उपाय लागू करने के लिए बाध्य किया जाता है।
यातायात से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए गैर-आवश्यक वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित की जा सकती है।





