पीएम मोदी की चुप्पी पर भड़का ये भाजपा नेता, भंसाली-दीपिका को मिल रही धमकियों को बताया शर्मनाक
मुंबई। अपने बेबाक बयान के लिए मशहूर अभिनेता-राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा का मानना है कि संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर चल रहे विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुप्पी साधे रखते ‘बहुत देर’ हो चुकी है।
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उन्होंने कहा, “कुछ स्तर पर, मैं भाजपा में अपने सहयोगियों की चुप्पी को समझ सकता हूं। आखिर वे क्या कह सकते हैं, जब बदमाशों और सीमा लांघने वाले तत्वों को खुली छूट दे दी गई है? फिर भी मैं यह कहना चाहता हूं कि हमारे गतिशील प्रधानमंत्री और शीर्ष नेतृत्व के लिए चुप रहते बहुत देर हो चुकी है।”
शत्रुघ्न ने कहा, “पद्मावती’ एक उग्र मुद्दा बन चुका है और सीमा लांघने वाले बदमाश तत्व खुलेआम धमकियां दे रहे हैं। वे भंसाली और दीपिका पादुकोण को मारने की धमकी दे रहे हैं, ऐसे में शीर्ष नेतृत्व चुप कैसे रह सकता है? यह समय हमारे माननीय प्रधानमंत्री के लिए यह कहने का है कि ‘बहुत हो चुका’। यदि आप गुंडों को एक स्वतंत्र शासन देते हैं, तो वे उन सीमाओं को पार करते रहेंगे जिसे हम नियंत्रित नहीं कर सकेंगे।”
उन्होंने कहा, “हमारे देश के सबसे मूल्यवान फिल्म निमार्ताओं में से एक को धमकाया और अभित्रस्त किया जा रहा है और सभी लोग इसे दूसरे तरीके से देख रहे हैं। यह शर्मनाक है! हमेशा अन्याय का विरोध करने में निडरता से सामने आने वाले शबाना आजमी और जावेद अख्तर ने बाहर आकर हिंसा की निंदा की है।”
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सिन्हा ने कहा, “मैं बच्चन साहब (अमिताभ बच्चन) की चुप्पी समझ सकता हूं। वह हमेशा विवादों में पड़ने से सावधान रहते हैं, लेकिन बाकी के बारे में क्या है? फिल्म जगत में इतना सन्नाटा क्यों?”
उनका मानना है कि भंसाली फिल्म उद्योग की चुप्पी के लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा, “वह कभी भी किसी का समर्थन करने के लिए बाहर नहीं आए, तो अब दूसरे लोग क्यों अपना हाथ इस विवाद में डालेंगे? राजस्थान में पहली बार हमला होने के बावजूद उन्होंने प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई।”
शत्रुघ्न का मानना है कि जो लोग रिलीज होने का विरोध कर रहे हैं, उन्हें फिल्म ‘पद्मावती’ दिखा देना ठीक रहेगा।
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उन्होंने कहा, “यदि आप अपने इरादों में ईमानदार हैं, तो आप प्रदर्शनकारियों को फिल्म दिखाने से क्यों डरते हैं? दिखा दो और बात खत्म करो।”
मगर बात खत्म कैसे होगी, गुजरात में चुनाव है। वहां प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। पाटीदार समाज भाजपा से नाराज है, ऐसे में राजपूत वोट ‘पद्मावती’ ही तो पक्का करवा सकती है।