विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने कहा, भारत ने हमेशा पर्यावरण की रक्षा की हैं

आज विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मिट्टी बचाओ आंदोलन’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया, इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, पर्यावरण रक्षा के भारत के प्रयास बहुआयामी रहे हैं।

भारत ये प्रयास तब कर रहा है जब क्लाइमेट चेंज में भारत की भूमिका न के बराबर है। उन्होंने कहा कि, विश्व के बड़े आधुनिक देश न केवल धरती के ज्यादा से ज्यादा संसाधनों का दोहन कर रहे हैं, बल्कि सबसे ज्यादा कार्बन एमिशन उन्हीं के खाते में जाता है।

पीएम ने कहा कि, इस साल के बजट में हमने तय किया है कि गंगा के किनारे बसे गांवों में नैचुरल फार्मिंग को प्रोत्साहित करेंगे, नैचुरल फॉर्मिंग का एक विशाल कॉरिडोर बनाएंगे।

विज्ञान भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि, पहले हमारे देश के किसान के पास इस जानकारी का अभाव था कि उसकी मिट्टी किस प्रकार की है, उसकी मिट्टी में कौन सी कमी है, कितनी कमी है। इस समस्या को दूर करने के लिए देश में किसानों को soil health card देने का बहुत बड़ा अभियान चलाया गया। हम कैच द रेन जैसे अभियानों के माध्यम से जल संरक्षण से देश के जन-जन को जोड़ रहे हैं, इसी साल मार्च में ही देश में 13 बड़ी नदियों के संरक्षण का अभियान भी शुरू हुआ है।

पीएम ने कहा कि, इन पांच बातों पर करना होगा फोकस

पहला- मिट्टी को केमिकल फ्री कैसे बनाएं।

दूसरा- मिट्टी में जो जीव रहते हैं, जिन्हें तकनीकी भाषा में आप लोग Soil Organic Matter कहते हैं, उन्हें कैसे बचाएं।

तीसरा- मिट्टी की नमी को कैसे बनाए रखें, उस तक जल की उपलब्धता कैसे बढ़ाएं।

चौथा- भूजल कम होने की वजह से मिट्टी को जो नुकसान हो रहा है, उसे कैसे दूर करें।

पांचवा-वनों का दायरा कम होने से मिट्टी का जो लगातार क्षरण हो रहा है, उसे कैसे रोकें।

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