PK हुए बेकार, भाजपा को मिला नया रणनीतिकार

रजत सेठीनई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी को चुनाव में विपक्षियों को मात देने के लिए नया रणनीतिकार मिल गया है। लोकसभा चुनाव प्रशांत किशोर ने बीजेपी के लिए रणनीति बनाई थी लेकिन बाद में प्रशांत ने अपना भविष्य तलाशने के लिए भाजपा के विरोधियों का दामन थाम लिया। लेकिन अब बीजेपी विरोधी दल भी प्रशांत से किनारा कर रहे हैं।

रजत सेठी BJP के नये रणनीतिकार

नरेन्द्र मोदी को लोकसभा चुनाव में जीत दिलाकर पीएम की कुर्सी पर बैठाने में अहम भूमिका निभाने वाले प्रशांत किशोर के कांग्रेस से जुड़ने के बाद बीजेपी को नया रणनीतिकार मिल गया है।

असम में बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। पूर्वोत्तर में मिली शानदार जीत में रजत सेठी का अहम रोल बताया जा रहा है। इन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान पर्दे के पीछे रहकर रणनीति बनाकर असम को भगवा रंग में रंगवा दिया।

दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, पिछले साल नवंबर में असम के लिए हार्वर्ड से ग्रेजुएट 29 साल के रजत सेठी ने कैम्पेन शुरू किया था। रजत की टीम में दो लोग ऐसे हैं जिन्होंने प्रशांत किशोर के साथ मोदी के लिए काम किया था। लेकिन प्रशांत और इनके बीच मतभेद पैदा हो गये। रजत और इनकी टीम की मेहनत की बदौलत ही बीजेपी अब पूर्वोत्तर के किसी राज्य में पहली बार सरकार बनाने जा रही है।

राम माधव अमेरिका से रजत को लाये

कानपुर के रजत सेठी ने आईआईटी खड़गपुर से पढ़ाई की है। रजत पढ़ाई के लिए 2012 में अमेरिका गए। इसके बाद वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में ग्रेजुएशन किया। रजत हार्वर्ड इंडिया एसोसिएशन के लिए इवेंट्स कराते थे।

रजत सेठी का परिवार संघ का करीबी माना जाता है। संघ के ही राम माधव जब अमेरिका गये तो वहां रजत के संपर्क में आए। रजत के प्लान और उनकी भारतीय राजनीति में रुचि देखकर राम माधव प्रभावित हो गए। 2015 में पढ़ाई पूरी करने के बाद माधव के कहने पर रजत भारत लौटे और बीजेपी से जुड़ गए।

भाजपा से जुड़ने के बाद रजत ने टीम बनाने की शुरुआत की। इनकी टीम में 6 लोग हैं जिनमें 4 IIT खड़गपुर के हैं। दो सदस्य ऐसे थे जो प्रशांत किशोर की टीम में रहे थे। टीम ने असम में नवंबर 2015 से काम शुरू किया। बीजेपी की राज्य में जीत के लिए रजत ने ‘असम निर्माण’ का नारा दिया।

चुनावी रणनीति बनाने के लिए बनी यह टीम हर दिन 20 घंटे काम थी। टीम लगातार राम माधव और बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह से संपर्क में रहती थी। रजत और उसकी टीम ने जनता के बीच एजुकेशन, स्किल डेवलपमेंट और सोशल वेलफेयर जैसे मुद्दों को रणनीति के तहत उठाया।

रजत ने बताया, ”हमारी रणनीति थी कि रोजाना कुछ नये तरीके से कांग्रेस या उनके नेताओं पर सीधे टारगेट करें। इस नाते कि कांग्रेस बैकफुट पर बनीं रहे और सिर्फ जवाब ही दे सके। इसका फायदा हमें ऐसे मिला कि कांग्रेस का कैम्पेन आचार संहिता लागू होने के सिर्फ एक महीने पहले ही शुरू हो पाया।”

आरटीआई की ली मदद

रजत की टीम में आशीष सोगानी, महेंद्र शुक्ला, शुभ्रास्था और आशीष मिश्रा थे। शुभ्रास्था पहले प्रशांत की टीम में थीं। बिहार चुनाव के दौरान महागठबंधन को लेकर प्रशांत से उनके मतभेद हुए और टीम से अलग हो गईं।

रजत की टीम में शामिल शुभ्रास्था ने बताया कि “गरीबों को 2 रुपए प्रति किलो चावल देने की स्कीम का जिक्र मोदी ने एक बार अपने भाषण में किया था। इस स्कीम की काफी अपील थी। वहीं, अमित शाह ने अपने बयानों में अहम मुद्दे उठाए। ये सारी चीजों पर हमारी टीम फोकस किया”।

शुभ्रास्था ने बताया, ”हमने 175 से ज्यादा आरटीआई लगाकर गोगोई के खिलाफ पहले से ही माहौल बना हुआ था जिसका का फायदा उठाया। पार्टी के टॉप लीडर्स के चलते हर स्टेप पर मिले उनके सपोर्ट ने जीत की रणनीति बनाने में मजबूती दी।”

इनकी टीम ने हर विधानसभा सीट और वहां के मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए वहां के मुददों और जरूरतों को समझ कर एक रणनीति बनाई बनाया। सोशल मीडिया पर ये कांग्रेस पर हावी रहे। फेसबुक से इन्होंने करीब 30 लाख लोगों तक अपनी पहुंच बनाई।

सर्बानंद को CM कैंडिडेट रणनीति के तहत बनाया

असम में सीएम पद का कैंडिडेट सर्बानंद सोनोवाल को बनाया जाना भी स्ट्रैटजी का हिस्सा था। असम में बीजेपी को हिन्दी भाषी स्टेट्स की पार्टी है माना जाता है। इसकी काट के लिए ही टीम ने सीएम पद का चेहरा सोनोवाल को बनाने की राय दी।

रजत कर चुके हैं हिलेरी क्लिंटन के लिए काम

रजत के कोर्स में कैम्पेन मैनेजमेंट का एक प्रोजेक्ट था। इसलिए रजत हार्वर्ड में पढाई के दौरान कुछ महीनों तक हिलेरी क्लिंटन के लिए कैम्पेन किया है। इस दौरान उन्हें अमेरिका के चुनावी रणनीति को समझने और परखने का मौका मिला।

 

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