माल्या के खिलाफ एलओसी में बदलाव किसी अधिकारी ने नहीं किया : CBI

नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) ने शनिवार को अपने संयुक्त निदेशक ए.के. शर्मा का बचाव करते हुए कहा कि भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ ‘लुक आउट सर्कुलर नोटिस’ में बदलाव करने का निर्णय ‘अकेले’ नहीं लिया गया, बल्कि निर्णय ‘उचित स्तर’ पर लिया गया। सीबीआई ने यह भी स्पष्ट किया कि माल्या के खिलाफ एलओसी में बदलाव इसलिए किया गया, क्योंकि उसे गिरफ्तार करने या हिरासत में लेने का कोई पर्याप्त आधार नहीं था।

माल्या

सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने कहा, “कुछ आधारहीन आरोप कुछ खास लोगों ने एक वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी पर लगाए हैं। सीबीआई ने कई बार कहा है कि माल्या के विरुद्ध एलओसी में बदलाव करने का निर्णय उस समय इसलिए लिया गया, क्योंकि एजेंसी के पास उसे गिरफ्तार करने या हिरासत में लेने का कोई पर्याप्त आधार नहीं था।”

उन्होंने कहा, “यह निर्णय एक प्रक्रिया के तहत उचित स्तर पर लिया गया, न कि किसी अधिकारी ने लिया, जैसा कि आरोप लगाया जा रहा है।”

सीबीआई ने यह प्रतिक्रिया इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा आरोप लगाने के बाद दी है।

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राहुल ने इससे पहले ट्वीट किया था, “सीबीआई के संयुक्त निदेशक ए.के.शर्मा ने माल्या के ‘लुक आउट’ नोटिस को कमजोर किया और माल्या को भागने की इजाजत दी। गुजरात काडर के अधिकारी शर्मा, सीबीआई में प्रधानमंत्री के चहेते हैं। यही अधिकारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को भगाने की योजना का भी प्रभारी था।”

इससे पहले इस सप्ताह, राहुल ने केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली पर माल्या को देश से भगाने में ‘सांठ-गांठ’ करने का आरोप लगाया था और उनके इस्तीफे की मांग की थी।

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एजेंसी के अधिकारी ने कहा कि सीबीआई को नीरव मोदी और गीतांजलि समूह के मालिक के खिलाफ पंजाब नेशनल बैंक से उनके देश छोड़कर भागने के करीब एक महीने बाद शिकायत मिली थी।

दयाल ने कहा, “इसलिए किसी भी सीबीआई अधिकारी के इन लोगों को भगाने में हाथ होने का सवाल ही नहीं उठता। बैंक से शिकायत मिलने के बाद इन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए।”

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