#PNBScam : बैंक के एमडी और डायरेक्टर की ‘CBI क्लास’ जारी, ‘बुक’ हुए मुख्य आरोपियों के पासपोर्ट

नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक और नीरव मोदी महाघोटाला मामले में 11,300 करोड़ की हेराफेरी हुई। इस बात का खुलासा होने के बाद से ही सभी की निगाहें मामले पर बनी हुई हैं। ताजा मामले में मुख्य आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के पासपोर्ट रद्द करने की खबर है। वहीं सीबीआई की तफ़तीश जारी है। पीएनबी के डायरेक्टर ब्रह्मा राव और एमडी सुनील मेहता से पूछताछ की जा रही है। दूसरी ओर एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) भी पूरी मुस्तैदी से एक्शन में है।

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नीरव मोदी महाघोटाला

खबरों के मुताबिक़ शनिवार को एंटी-मनीलॉन्डरिंग लॉ के तहत नीरव मोदी ग्रुप की 21 प्रॉपर्टी अटैच की गईं। इनकी कीमत 523.72 करोड़ रुपए है। यह कार्रवाई अहमदनगर, मुंबई और पुणे में की गई। इनमें जमीन, फार्म हाउस, सोलर प्लांट और फ्लैट शामिल हैं।

ईडी ने शुक्रवार को मुखबिर की सूचना पर नीरव के एक गोडाउन पर छापा मारा था। इस कार्रवाई में कई इम्पोर्टेड घड़ियां जब्त की गई थीं। ये स्टील की 176 अलमारियों, 158 डिब्बों और 60 प्लास्टिक कंटेनर में भरी थीं।  साथ ही 30 करोड़ रुपए का बैंक डिपॉजिट और 13.86 करोड़ रुपए के शेयर भी जब्त किए गए थे।

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वहीं नीरव मोदी को ईडी ने तीसरा समन भेजा है। इसमें उसे 26 फरवरी को पेश होने को कहा गया है। पेश नहीं होने पर उसके प्रत्यर्पण (Extradition) की कार्रवाई की जाएगी।

इससे पहले नीरव ने लेटर लिखकर ईडी के सामने पेश होने से मना कर दिया था। नीरव ने बिजनेस के सिलसिले में विदेश में होने की बात कही थी। इसके बाद तीसरा समन जारी किया गया।

बता दें कि नीरव और मेहुल चौकसी उन पर केस दर्ज होने से पहले ही देश से बाहर जा चुके हैं।

एक न्यूज एजेंसी ने शुक्रवार को ईडी के अफसरों के अनुमान के आधार पर बताया था कि अब तक नीरव की 5,870 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी जब्त की जा चुकी है। शनिवार को 523.72 करोड़ की प्रॉपर्टी की जब्त किए जाने के बाद यह आंकड़ा 6393 करोड़ हो गया है।

इस मामले में ईडी, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई), और इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) कार्रवाई कर रहे हैं।

वहीं अरुण जेटली ने भी मामले पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत में किसी भी मामले में पॉलिटिशियन की जवाबदेही तो होती है, लेकिन नियामकों (Regulators) की कोई जवाबदेही नहीं होती है, जबकि हकीकत यह है कि नियमों से जुड़े फैसले ये नियामक ही लेते हैं।

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जेटली ने कहा कि अगर एक फर्जीवाड़ा बैंकिंग व्यवस्था की कई शाखाओं में होता है और कोई भी इसके खिलाफ न तो आवाज उठाता है और न ही जानकारी देता है, तो यह एक चिंताजनक स्थिति है।

उन्होंने घपले के लिए बैंक के शीर्ष प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया।

वित्तमंत्री ने कहा कि इस तरह के बैंक फ्रॉडसे बाजार और देश की तरक्की में बाधा बनते हैं।

वित्तमंत्री ने कहा कि अगर समय-समय पर विलफुल डिफॉल्ट और बैंक फ्रॉड होते रहे, तो कारोबार को आसान बनाने की सारी कोशिश पीछे ही रह जाएंगी और ऐसी परेशानियां आगे आ जाएंगी।

उन्होंने कहा कि कर्ज लेने और देने वाले के अनैतिक व्यवहार और गठजोड़ को खत्म करने की जरूरत है। इंडस्ट्री को भी कारोबार को आसान बनाने के लिए सही व्यवस्था को आदत में लाना चाहिए।

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