MP: इंदौर में 24 घंटों में 131 नए मामले आए सामने, जिले में कुल 2238 केस हुए

मध्यप्रदेश। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने तेजी से अपने पैर पसार रखे हैं और इसका कहर कबतक चलेगा किसी को नहीं पता. देश में अबतक 79,000 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं और अब कुछ राज्य ऐसे हैं जहां इसका खतरा बाकियों से कहीं ज्यादा है. मध्यप्रदेश का इंदौर जिला इनमें से एक है जहां इन 24 घंटों में 131 नए मामले सामने हैं. इसके साथ ही मरीजों की तादाद 2,107 से बढ़कर 2,238 पर पहुंच गई है.

 

 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जाडिया ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक 1,046 मरीजों को इलाज के बाद संक्रमणमुक्त होने पर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। इसके बाद अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों की तादाद घटकर 1,096 रह गई है।

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उन्होंने यह भी बताया कि कोविड-19 संक्रमित पाए गए 58 वर्षीय एक पुरुष की यहां एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मंगलवार को मौत हो गई। इसके साथ ही, जिले में इस महामारी की चपेट में आकर दम तोड़ने वाले मरीजों की तादाद बढ़कर 96 पर पहुंच गई है। जिले में गुरुवार सुबह की स्थिति में कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर 4.29 प्रतिशत दर्ज की गई। पिछले 19 दिन से जिले में यह दर पांच प्रतिशत से कम बनी हुई है।

कर्फ्यू के बावजूद कोरोना संक्रमण का फैलना जारी

बहरहाल, जिले में कोविड-19 के संक्रमण का फैलना लगातार जारी है। जिले में इस महामारी के ज्यादातर नए मरीज 30 लाख से ज्यादा आबादी वाले इंदौर शहर के रहने वाले हैं। यह स्थिति तब है, जब महामारी के प्रकोप के कारण प्रशासन ने 25 मार्च से शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा रखा है और अब तक 300 से ज्यादा इलाकों को रोकथाम क्षेत्र (कंटेनमेंट जोन) घोषित कर सील किया जा चुका है। इन इलाकों में करीब 8.25 लाख की आबादी रहती है।

 

शहर के घनी जनसंख्या वाले इलाकों और झुग्गी बस्तियों के अंदरूनी गली-मोहल्लों में कर्फ्यू के उल्लंघन की बढ़ती शिकायतें कोविड-19 का खतरा बढ़ा रही हैं। इस बारे में पूछे जाने पर सीएमएचओ ने माना कि ऐसी बसाहटों में प्रशासन के प्रतिबंधात्मक आदेशों का सख्ती से पालन कराए जाने की जरूरत है। कोविड-19 के प्रकोप के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को खत्म होने वाला है।

 

17 मई के बाद भी ढील की संभावना नहीं

हालांकि, महामारी के मौजूदा हालात देखते हुए जिला प्रशासन ने इस तारीख के बाद भी लॉकडाउन में ढील देने से इनकार कर दिया है। जिलाधिकारी मनीष सिंह पहले ही कह चुके हैं कि जिले में लॉकडाउन इस महीने के आखिर तक बढ़ना लगभग तय है और स्थानीय लोगों को इसके लिये मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए।

 

इंदौर जिले में कोरोना वायरस के प्रकोप की शुरूआत 24 मार्च से हुई, जब पहले चार मरीजों में इस महामारी की पुष्टि हुई थी। प्रशासन ने इंदौर की शहरी सीमा में 25 मार्च से कर्फ्यू लगा रखा है, जबकि जिले के अन्य स्थानों पर सख्त लॉकडाउन लागू है।

 

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