मिशन 2019: केंद्र का धमाका, लाखों जिंदगियों में बहार लाएगी ये ‘दुर्लभ’ योजना

नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव एक बार फिर सियासी रसगुल्लों की बहार लाता दिखाई दे रहा है। जहां विपक्ष खुद को साबित करने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साध अपनी मौजूदगी का अहसास करा रहा है। वहीं सत्तापक्ष अपनी छवि को बरकार रखने और जनता को फिर से फुसलाने की कोशिश में लग गया है। खैर जो भी हो चुनावी दौर में ही सही, गाहे-बगाहे याद तो आ जाता है कि जनता जनार्दन होती है। उसकी मर्जी के बिना वो पॉवर में आने का सोच भी नहीं सकते।

जिसने नरेंद्र को बनाया ‘मोदी’ और कांग्रेस को पप्पू, करने वाला है धांसू कमबैक

लोकसभा चुनाव

सरकार 50 करोड़ लोगों के स्वास्थ्य बीमा के साथ दुर्लभ और घातक बीमारियों से जंग की योजना ला रही है। इसके अंतर्गत दुर्लभ बीमारियों के खिलाफ अभियान चलाकर फिजिशियन डॉक्टरों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि सभी को इसका लाभ मिल सके।

दरअसल, दुनियाभर में लगभग 7 हजार दुर्लभ बीमारियां है, जिनमें से भारत में करीब 300 तरह की दुर्लभ बीमारियां पाई जाती हैं। इनका उपचार भी करीब 8 से 20 लाख रुपये तक होता है।

इतिहास बदलने को तैयार जिनपिंग, चीन के भविष्य पर ताल ठोकने की कोशिश में जुटी ‘पार्टी’

अभी सरकारी अस्पतालों में सुविधा न होने की वजह से मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता है।

इन्हीं में से एक लायसोसोमल स्टोरेज डिसऑर्डर (एलएसडी) दुर्लभ बीमारियां है, जिनकी पहचान आसानी से नहीं हो पाती।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि आमतौर पर 300 तरह की दुर्लभ बीमारियां पाई जाती हैं। जिनके मरीजों की संख्या करीब दो से तीन लाख है। लेकिन इनमें सबसे ज्यादा एलएसडी बीमारियों के मरीज हैं। इसलिए इस पर ज्यादा फोकस है।

इसमें लगभग 50 दुर्लभ विकार आते हैं जिसमें मुख्य रूप से चार तरह की बीमारियां गौचर, एमपीएस, फ्रैबी और पोम्पे के मरीज ज्यादा हैं।

इस बीमारी में एंजाइम की कमी के कारण कोशिकाएं कई तरह के फैट व कार्बोहाइड्रेट को तोडने में असक्षम हो जाती है। इससे शरीर में विषाक्त पदार्थ बनने लगते है।

खबरों के मुताबिक़ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय करीब 300 तरह की दुर्लभ बीमारियों को लेकर एक राष्ट्रीय पॉलिसी बनाने में जुटा है।

उम्मीद है कि इस साल के अंत तक इस पॉलिसी को लागू कर दिया जाएगा, जिसमें फिजिशियन डॉक्टरों को भी इन बीमारियों के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।

आयुष्मान भारत के तहत खुलने जा रहे डेढ़ लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में यह सुविधा भी लोगों को उपलब्ध होगी। मंत्रालय जल्द ही इस मसौदे को कैबिनेट तक पहुंचाने वाला है।

देखें वीडियो :-

LIVE TV