जिसने नरेंद्र को बनाया ‘मोदी’ और कांग्रेस को पप्पू, करने वाला है धांसू कमबैक

नई दिल्ली। प्रशांत किशोर का नाम अचानक सुर्खियों में आ गया है। इनके बारें में हर उस इंसान को पता होगा जिसे खबरें पढ़ना पसंद है। खासकर राजनीतिक। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह से मनमुटाव के कारण बीजेपी से अलग हो गए। वही भाजपा जिसे केंद्र की सत्ता दिलाने का एक बड़ा कारण खुद प्रशांत किशोर रहे।

प्रशांत किशोर

मशहूर चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर बीजेपी खेमे में लौट सकते हैं। 2019 की चुनावी तैयारियों के मद्देनजर इसकी संभावना जताई जा रही है। मीडिया रिपोर्टों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रशांत किशोर अर्से से एक-दूसरे के संपर्क में हैं। 2014 में बीजेपी की बंपर जीत का श्रेय प्रशांत किशोर को भी जाता है।

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हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट बताती है कि किशोर और पीएम मोदी कई बार मिल चुके हैं और 2019 चुनाव में फिर साथ आने पर चर्चा हुई है।

ऐसा माना जाता है कि 2014 की जीत के बाद अमित शाह और किशोर के बीच मतभेद उभर आए थे। उसके बाद प्रशांत किशोर ने बीजेपी से नाता तोड़ने का फैसला किया था।

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2014 लोकसभा चुनाव के बाद अचानक सुर्खियों में आए प्रशांत किशोर इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमिटी नाम का संगठन चलाते हैं। यह संगठन लीडरशिप, सियासी रणनीति, मैसेज कैंपेन और भाषणों की ब्रांडिंग करता है। अबकी किशोर अगर बीजेपी में लौटते हैं तो वे सीधा पीएम मोदी के नेतृत्व में काम करेंगे।

नीतीश को भी ‘बनाया’

बीजेपी से नाता टूटने के बाद प्रशांत किशोर बिहार में नीतीश कुमार से जुड़ गए और 2015 में भारी मतों से जीत दिलाई। उसके बाद वे कांग्रेस के पाले में चले गए और यूपी व पंजाब चुनाव के प्रभारी बने। पंजाब में कांग्रेस की जीत तो हुई लेकिन यूपी में बड़ी हार झेलनी पड़ी।

यूपी में मिली करारी हार से नाराज कांग्रेस ने प्रशांत किशोर से किनारा कर लिया। गुजरात चुनाव में कोई मतलब न रखा। तब कांग्रेस ने कहा बताते हैं कि पार्टी वैसे किसी व्यक्ति को ‘आउटसोर्स’ नहीं करेगी जो कांग्रेस के कामकाज के प्रति निष्ठावान न हो।

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