आंतरिक कलह के बीच मोदगिल को मिली चंडीगढ़ की कमान, हुए महापौर निर्वाचित

मुदगिलचंडीगढ़ भारतीय जनता पार्टी के पार्षद देवेश मोदगिल को मंगलवार को चंडीगढ़ का 22वां महापौर चुना गया। मोदगिल (40) को चुनाव में 27 वोटों में से 22 वोट मिले और वह एक साल के लिए कार्यालय में बने रहेंगे।

उन्होंने कांग्रेस के पार्षद देवेंद्र सिंह बबला को हराया, जिन्हें सिर्फ पांच वोट हासिल हुए। भाजपा पार्षद गुरप्रीत सिंह ढिल्लन व विनोद अग्रवाल चंडीगढ़ नगर निगम के क्रमश: वरिष्ठ उप महापौर व उप महापौर निर्वाचित हुए। दोनों ने सीधी लड़ाई में विपक्षी कांग्रेस सदस्यों को हराया।

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महापौर के चुनाव से पहले भाजपा की शहर इकाई में बड़ी आंतरिक कलह दिखी। निवर्तमान महापौर आशा जसवाल व पूर्व महापौर अरुण सूद के नेतृत्व में 14 पार्षदों के तेवर बागी बने रहे।

यहां तक कि जसवाल व एक अन्य पार्षद ने महापौर व वरिष्ठ उप महापौर के पद के लिए नामांकन दाखिल किया था, जिससे यहां व दिल्ली के भाजपा नेतृत्व को असहज स्थिति का सामना करना पड़ा।

बागी भाजपा समूह ने भाजपा के नामांकित मुदगिल का विरोध किया था। बागियों का कहना था कि मुदगिल ने आशा जसवाल व दूसरे भाजपा पार्षदों को पहले अपमानित किया था।

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जसवाल व दूसरे पार्षद ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व व चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर व शहर इकाई के अध्यक्ष संजय टंडन द्वारा शांत कराए जाने के बाद सोमवार को अपना नामांकन वापस लिया।

खेर मंगलवार को वोटिंग के दौरान मौजूद रहीं और मुदगिल के महापौर चुने जाने के बाद तक साथ में रहीं। उन्होंने चुनाव में वोट भी किया। भाजपा के नगर निगम में 20 पार्षद हैं, जबकि इसके सहयोगी शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है।

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