
अवैध धर्मांतरण और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 17 जुलाई को सुबह 5 बजे से उत्तर प्रदेश के बलरामपुर और मुंबई में 14 ठिकानों पर छापेमारी शुरू की। बलरामपुर के उतरौला में 12 और मुंबई के बांद्रा व माहिम में 2 ठिकानों पर यह कार्रवाई चल रही है। उत्तर प्रदेश विशेष कार्य बल (STF) ने छांगुर बाबा के भतीजे को हिरासत में लिया है, जिससे जांच में नए खुलासे की उम्मीद है।

जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा (वास्तविक नाम: करीमुल्ला शाह) को 5 जुलाई 2025 को लखनऊ के एक होटल से उनकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन और बेटे मेहबूब के साथ UP ATS ने गिरफ्तार किया था। उन पर अनुसूचित जाति, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और विधवाओं को प्रलोभन, धमकी और हनी-ट्रैपिंग के जरिए धर्मांतरण कराने का आरोप है। ATS के अनुसार, छांगुर ने 15 साल तक यह नेटवर्क चलाया, जिसमें 1500 से अधिक हिंदू महिलाओं का धर्म परिवर्तन कराया गया।
ED की जांच में पता चला कि छांगुर के 40 बैंक खातों में मध्य-पूर्व (दुबई, सऊदी अरब) और नेपाल से 106 करोड़ रुपये आए। इनमें से 18 खातों में 68 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ, जिसमें 3 महीने में 7 करोड़ रुपये विदेशी स्रोतों से आए। मुंबई में शहजाद शेख को नवीन के खाते से 2 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए, जिसके बाद शहजाद से पूछताछ चल रही है। मेहबूब के स्विस बैंक खाते की भी जांच हो रही है।
छापेमारी में बलरामपुर के चांद औलिया दरगाह परिसर, छांगुर की आलीशान कोठी, और अन्य संपत्तियों से जमीन के दस्तावेज, नकदी, सोना और लक्जरी वाहन बरामद हुए। उतरौला के मधुपुर और रेहरामाफी गांव में अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया गया, जिसमें मधुपुर में 5 करोड़ रुपये की 40 कमरों वाली हवेली शामिल है। ATS ने छांगुर की डायरी में 100 से अधिक लोगों के नाम पाए, जिन्हें धर्मांतरण के लिए लक्षित किया गया था।
ED ने 9 जुलाई 2025 को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत छांगुर के खिलाफ ECIR दर्ज की थी। 10 जुलाई को ATS, बलरामपुर जिला प्रशासन और बैंकों के AML सेल से संपत्तियों, खातों और लेन-देन का विवरण मांगा गया। जांच में चार सरकारी अधिकारियों (एक ADM, दो CO और एक इंस्पेक्टर) की संदिग्ध भूमिका भी सामने आई है, जो 2019 से 2024 तक बलरामपुर में तैनात थे।
छांगुर ने चांद औलिया दरगाह को केंद्र बनाकर बड़े धार्मिक आयोजन किए, जिसमें विदेशी मेहमान शामिल होते थे। वह मुंबई और महाराष्ट्र में दरगाहों के जरिए धर्मांतरण गतिविधियां चलाता था और इस्लामिक दावा सेंटर व मदरसों की स्थापना की योजना बना रहा था। ATS ने दावा किया कि छांगुर ने स्थानीय पुलिस और खुफिया अधिकारियों को रिश्वत देकर जांच से बचने की कोशिश की और असहमति जताने वालों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कराए।
यह मामला भारत-नेपाल सीमा पर तस्करी और अवैध फंडिंग की गंभीर समस्या को उजागर करता है। ED, ATS, और संभावित रूप से NIA व IB की संयुक्त जांच से इस नेटवर्क के पूरे तंत्र का खुलासा होने की उम्मीद है। छांगुर और उनके सहयोगी वर्तमान में लखनऊ जिला जेल में हैं, और ED जल्द ही उनकी कस्टडी मांग सकती है।