
लंदन। शराब व्यवसायी विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई सोमवार को दुबारा शुरू की गई। मनी लॉंन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के मामलों में फंसे माल्या के वकीलों ने भारत की न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। सुनवाई के चौथे दिन माल्या लंदन के वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेट की अदालत में मौजूद रहे।
उनकी वकील क्लेयर मोंटगोमरी ने सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और उच्चतम न्यायालय के फैसलों पर अपनी राय देने के लिए डॉ मार्टिन लाउ को पेश किया। डॉ लाउ दक्षिण एशियाई मामलों के विशेषज्ञ हैं।
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माल्या के ऊपर किंगफिर एयरलाइंस के लिए बैंकों से लिए गए कर्ज को ना चुका पाने और धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। बता दें कि माल्या के ऊपर 9,000 करोड़ रुपए देनदारी शामिल है। माल्या के वकील यह साबित करने में जुटे हैं कि एयरलाइन का लोन नहीं चुका पाने का मामला कारोबार की विफलता का परिणाम है ना कि यह कोई बेईमानी अथवा धोखाधड़ा का मामला है।
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वहीं इसी बीच खबर यह भी आई है कि माल्या के ऊपर इंग्लैंड की हाई कोर्ट के तहत आनेवाली कमर्शल कोर्ट के क्वीन्स बेंच डिविजन में भी एक समानांतर सुनवाई चल रही है। हालंकि यह मामला भारतीय बैंकों के समूह ने दुनियाभर में माल्या के ऐसेट्स पर रोक लगाने के लिए दायर किया है।