किडनी कांड की गुत्थी में उलझी पुलिस, राज्य मंत्री रेखा आर्या के पति गिरधारी लाल पर धोखाधड़ी का आरोप

किडनी कांडराहुल सिंह

हल्द्वानी। उत्तराखंड में किडनी कांड का मामला और गहराता जा रहा है। पुलिस भी इस मसले को लेकर उलझ गई है। उच्च अधिकारियों को किस प्रकार की रिपोर्ट दी जाए समझ नहीं पा रही। आइए जानते हैं आखिर क्या है पूरा मामला…

महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या के पति गिरधारी लाल साहू उर्फ ‘पप्पू गिरधारी’ पर उनके नौकर ने धोखे से किडनी निकलवाने का आरोप लगाया है। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल के एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने कोतवाल से जानकारी मांगी है।

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हालांकि कोतवाल केआर पांडे के मुताबिक शिकायतकर्ता का आरोप है कि श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में उसकी किडनी निकाली गई।

अब सबसे बड़ा सवाल खड़ा होता है कि आखिर हल्द्वानी पुलिस वहां जांच करने कैसे जाएगी। जबकि नौकर बरेली का मूल निवासी है। इस बात को लेकर पुलिस भी असमंजस में पड़ी है।

बरेली जिले के जशनपुर शेरगढ़ निवासी नरेश चंद्र गंगवार ने पुलिस को दी गई शिकायत में कहा कि वह मंत्री रेखा आर्या के पति गिरधारी लाल के आरटीओ रोड विजेंद्र विहार स्थित फार्म हाउस पर काम करता था।

नौकर के मुताबिक गिरधारी लाल की पहली पत्नी वैजंती माला को किडनी की जरूरत थी इसी कारण उन्हें पहले हरियाणा के गुरुग्राम स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां अस्पताल को बताया गया कि वैजंती माला और किडनी दाता नरेश चंद्र दोनों भाई-बहन है। लेकिन अस्पताल में भाई बहन साबित नहीं होने पर किडनी ट्रांसप्लांट का मामला फंस गया।

इसके बाद गिरधारी लाल के इशारे पर वैजंती माला और परिवार के करीबी सदस्य उसे एयर इंडिया के विमान से 17 जून 2015 को कोलंबो ले गए।

यहां उन्हें हास्पिटल एंड डायग्नोस्टिक सेंटर में 26 जून को भर्ती कराया गया था। इसके बाद नौकर को बेहोश कर अगले दिन उसकी किडनी निकाली गई और वैजंती को ट्रांसप्लांट की गई।

बकौल नरेश उस समय गिरधारी लाल ने किडनी के एवज में मकान और परिवार का खर्च देने का वादा किया था। जबकि अब पैसा मांगने पर गिरधारी लाल, उनके दो करीबी साथी धर्मेंद्र राठौर और सत्येंद्र राठौर धमकी देते हैं। इस मामले में उसने उत्तर प्रदेश में भी प्रार्थनापत्र दिया था।

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गिरधारी लाल के मुताबिक तीन साल पहले मेरी दूसरी पत्नी वैजन्ती माला को उसके रिश्तेदार नरेश चंद्र गंगवार ने अपनी मर्जी से किडनी दान की थी। दूसरी बात, किडनी देने वाला और लेने वाला दोनों बरेली के हैं और शिकायत नैनीताल जिले में दी जा रही है।

तीसरी बात, नरेश की पत्नी मुन्नी का पांच दिन पहले मेरे पास फोन आया था कि एक अखबार वाले उसके पति को जबरन ले गए हैं।

ऐसे में यह बात स्पष्ट होती है कि नरेश पर दबाव डालकर इस तरह के निराधार आरोप लगवाए जा रहे हैं। इसके पीछे की मंशा उत्तराखंड सरकार में मंत्री व मेरी पत्नी रेखा आर्य की छवि को नुकसान पहुंचाना है। जबकि किडनी चोरी के आरोप में कोई सच्चाई नहीं है।

वहीं कोतवाल केआर पाण्डेय के मुताबिक नरेश चन्द्र बरेली का निवासी है। फिर भी पुलिस हर पहलू की जांच कर कार्रवाई करेगी और इस बात की भी जांच की जाएगी कि आखिर दो साल तक इस मामले की शिकायत क्यों नहीं की गई।

उन्होंने कहा कि घटना कोलंबो की बताई जा रही है, इसलिए मामले की जांच में थोड़ी दिक्कत आ सकती है।

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