सर्दियों में होने वाली दिमाग की खतरनाक बीमारियों से बचाकर रखता है ‘तापमान’

ठंड की शुरुआत के साथ ही शरीर में तमाम तरह की परेशानियां होने लगती है। कभी जुकाम तो कभी सिर में दर्द तो कभी कुछ और । इन सबसे ऊपर सर्दियों में स्ट्रोक की समस्या। यह समस्या जितनी छोटी लगती है असल में उतनी ही खतरनाक होती है। इस समस्या में सबसे खतरनाक होता है कि ब्लड समय पर या कहे तो दिमाग तक पहुंच ही नहीं पाता है। यह दिमाग में ब्लड क्लॉट बनने या ब्लीडिंग होने से भी हो सकता है। यहीं जब दिमाग की ब्लड कोशिकाएं फट जाती है तो इसे ब्रेन हैमरेज कहते हैं। कई बार इसे ब्रेन अटैक भी कहते हैं।

तापमान

लक्षण
कमजोरी होना

मांसपेशियों का कमजोर होना

बोलने में दिक्कत होने लगना

दिखाई देने में परेशानी होना

चक्कर आना

चलने में परेशानी होना

संतुलिन की कमी

सिरदर्द

घबराहत

हाथ पैर का सन्न होना

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कब होता है अधिक खतरा

टाइप-2 डाइबिटीज के मरीजों में इसका खतरा काफी बढ़ जाता है।

हाई ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन के मरीज इसकी चपेट में जल्दी आ जाते हैं।

मोटापा ब्रेन अटैक का एक प्रमुख कारण बन सकता है।

कोलेस्ट्रॉल का बढ़ता स्तर और घटती शारीरिक सक्रियता भी इसका कारण है।

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सर्दियों में बढ़ जाता है खतरा

सर्दियों में शरीर के तापमान कम होने के कारण नसें सिकुड़ जाती है। साथ ही ब्लड बहुत गाढ़ा हो जाता है। खून के गाढ़ा होने और नसो के सुकड़न जाने के कारण शरीर में रक्त के प्रवाह पर असर दिखी पड़ता है। शरीर को खून को पंप करने में अधिक मेहनत की आवश्यकतो होती है। इसलिए इस मौसम में ब्लडप्रेशर के बढ़ जाने की खतरा भी अधिक बढ़ जाता है। सर्दियों में इस बीमारी से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप खुद को गर्म रखें साथ में घर के खिड़कियों और दरवाजें को बंद रखें। कमरे का तापमान हमेशा नॉर्मल रखें।

बचाव

  1. तनाव न लें, मानसिक शांति के लिए ध्यान करें।
    2. धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें।
    3. नियमित रूप से व्यायाम और योग करें।
    4. अपना भार औसत से अधिक न बढ़ने दें।
    5. हृदय रोगी और डाइबिटीज के रोगी सावधानी बरतें।
    6. सोडियम का अधिक मात्रा में सेवन न करें।

 

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