
Pragya mishra
गोरखपुर, 29 जुलाई: उत्तर प्रदेश के वन एवं वन्य जीव विभाग ने 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर गोरखपुर में पहली बार बाघ संरक्षण पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल रूप से भाग लिया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो वस्तुतः कार्यक्रम में शामिल थे, ने कहा कि जंगल के बिना बाघ मारा जाता है और बाघ के बिना जंगल काटा जाता है। इसलिए बाघ को जंगल की रक्षा करनी चाहिए और जंगल के अंदर बाघ होना चाहिए। सुरक्षित रखना। वन संरक्षण में बाघ की भूमिका के तहत इसे राष्ट्रीय पशु घोषित करते हुए वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर शुरू किया गया था। सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित सम्मेलन में 2022 तक दुनिया के बाघों को दोगुना करने का निर्णय लिया गया। यह हमारे लिए खुशी की बात है। विषय यह है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में उन्होंने समय से पहले अपने लक्ष्य को हासिल कर लिया।

राज्य के पीलीभीत अभ्यारण्य में बाघों की संख्या 25 से बढ़कर 67 हो गई है। जिसके लिए इसे अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। राज्य में इनकी संख्या बढ़ी है। वर्ष 2006 में बाघों की संख्या 106 थी। जो वर्ष 2018 में बढ़कर 173 हो गई। 2022 में और वृद्धि संभव है। वर्तमान में दुधवा, पीलीभीत और कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बफर क्षेत्र अपना समर्थन दे रहे हैं। इसी कड़ी में बहुत जल्द रानीपुर टाइगर रिजर्व भी अस्तित्व में आने वाला है।