अब सीएनजी वाहनों को ही मिलेगी आईजीआई पर चलने की अनुमति : एनजीटी

इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डेनई दिल्ली। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआई) पर अब सिर्फ संपीडित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) से चालित वाहनों के संचालन की ही अनुमति होगी। इस प्रभाव की घोषणा करते हुए शुक्रवार को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने इसे पूरी तरह लागू करने के लिए छह महीने की समय-सीमा तय की है। एनजीटी प्रमुख न्यायमूर्ति स्वतंतर कुमार की अध्यक्षता वाली ट्रिब्यूनल की पीठ ने दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआईएएल) को यह सुनिश्चित करने को कहा कि हवाई अड्डे पर सभी कोच, बस और ‘अन्य वाहन’ सीएनजी से ही चलें और इसे छह महीने की समय-सीमा में लागू कर दिया जाए।

डीआईएएल एक संयुक्त उपक्रम है जो आईजीआई हवाई अड्डे का संचालन, प्रबंधन और विकास संबंधी कार्य संपादित करता है।

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न्यायूमर्ति कुमार ने कहा, “हवाई अड्डे पर चलने वाले सभी कोच, बस व अन्य वाहन सीएनजी से चलने चाहिए। वाहनों में निर्धारित उत्सर्जन मानकों का पालन होना चाहिए।”

अदालत ने कहा कि हवाई अड्डृे पर चल रहे गैर-सीएनजी चालित बसों, कोचों व अन्य वाहनों को आगे भी चलते रहने के लिए छह महीने के भीतर सीएनजी चालित वाहन में बदलना होगा।

इसके अलावा अधिकरण ने ध्वनि प्रदूषण कम करने के लिए आईआईटी की एक रिपोर्ट के सुझाव के मुताबिक ग्रीन-वाल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने को कहा है। इस तकनीक में वनस्पति का इस्तेमाल करके वायुजनित शोरगुल को कम किया जाता है।

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इससे पहले हवाई अड्डे के आसपास के निवासियों की याचिका पर एनजीटी ने इस साल आईजीआई के नजदीक ध्वनि प्रदूषण के मसले की ओर संकेत किया था।

एनजीटी ने सुझाव दिया था कि विमानों को उतारते समय रिवर्स-थ्रस्ट का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। इस संबंध में विमान कंपनियों को अपने पायलटों को निर्देश देने को कहा गया था।

आईजीआई एनसीआर के सबसे प्रदूषित इलाकों में से एक में अवस्थित है।

https://youtu.be/YlXC6W7XjlU

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