अमेरिका को भारतीयों के मुकाबले चाइनीज अधिक पसंद हैं

अमेरिकी वीजानई दिल्ली। क्या आपको पता है कि अमेरिका को भारतीयों के मुकाबले चाइनीज अधिक पसंद हैं? आप भी सोच में पड़ गये होंगे कि आखिर यह कैसी खबर है, तो आइये आपको पूरा माजरा बतलाते हैं। दरअसल, अमेरिकी वीजा के लिए आवेदन के मामले में किसी भारतीय को स्वीकृति मिलने की संभावना चाइनीज आवेदक से कम है।

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बता दें चीन के मुकाबले भारत के लिए अमेरिकी वीजा अस्वीकृति दर करीब दोगुना है। पिछले दशक में भारत के लिए यह दर बढ़ी है तो चीन के लिए कमी आई है।

मिली जानकारी के मुताबिक, भारत के लिए अमेरिकी वीजा अस्वीकृति दर 26 फीसदी है और 2006 से 2016 के बीच इसमें 6.5 फीसदी की वृद्धि हुई है। वहीं चीन के लिए अमेरिकी वीजा अस्वीकृति दर 12.4 फीसदी है और समान अवधि में 12.2 फीसदी की कमी आई है।

इन आंकड़ों पर नज़र डाले तो पता चलता है कि पिछले दशक में अमेरिका, चीन की ओर तेजी से मुड़ा है। चीन ने अपने बाजार को विदेशी कंपनियों के लिए खोला है। अमेरिकी और यूरोप से बड़ी संख्या में कारोबारियों को लुभा रहा है और इसने अपनी वैश्विक छवि भी बदली है।

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बता दें अमेरिका सबसे अधिक वीजा आवेदन क्यूबा के नागरिकों का खारिज करता है। क्यूबा के मामले में यह दर 81.9 फीसदी है।

अन्य देशों पर क्या है वीजा अस्वीकृति की दर

ब्रिक्स देशों में साउथ अफ्रीका के नागरिकों का आवेदन खारिज होने की दर सबसे कम 6.8 फीसदी है, जबकि भारत का सबसे अधिक है। सऊदी अरब की वीजा अस्वीकृति दर 4 फीसदी है, जबकि इसमें 7.3 फीसदी की कमी आई है। इजरायल के लिए यह 4.1 फीसदी है। वहीं ब्राजील और रूस के लिए यह 16.7 और 9.35 फीसदी है।

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