इस दिन से शुरू होगा भारत का सबसे बड़ा मुक्केबाजी टूर्नामेंट

नई दिल्ली। पुरस्कार राशि और खिलाड़ियों की संख्या के लिहाज से भारत के सबसे बड़े मुक्केबाजी टूर्नामेंट-स्पाइसजेट ओपन का रविवार को त्यागराज स्टेडियम में आगाज हो रहा है। एक लाख डॉलर इनामी इस प्रतियोगिता में 22 देशों के 223 मुक्केबाज अपनी श्रेष्ठता साबित करने का प्रयास करेंगे। भारत भी इस प्रतियोगिता में अपनी उपस्थिति मजबूती से पेश कर रहा है और इसमें कुल 80 मुक्केबाजों को उतार रहा है। पुरुष वर्ग में भारत की चार टीमें हिस्सा ले रही हैं जबकि महिला वर्ग में पांच टीमें शिरकत कर रही हैं।

स्पाइसजेट ओपन
ऐसा पहली बार होगा जब देश के मुक्केबाजी प्रेमियों को दुनिया भर में मुक्केबाजी का ‘बिग डैडी’ कहे जाने वाले क्यूबा के मुक्केबाजों को खेलते हुए देखने का मौका मिलेगा।

बीते कुछ सालों में क्यूबाई मुक्केबाजी में फिर से जान लौटी है। इस बीच मुक्केबाजी ने जर्मनी और इटली जैसे यूरोपीय देशों में तेजी से पैर पसारे। हाल के वर्षो में अमेरिका, कनाडा, रूस, कजाकिस्तान और उजबेकिस्तान ने भी कुछ बेहतरीन मुक्केबाज दुनिया को दिए हैं।

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इस दौरान एशिया पीछे नहीं रहा। थाईलैंड, फिलिपींस, कजाकस्तान, उजबेकिस्तान और मंगोलियाई मुक्केबाजों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी श्रेष्ठता साबित की है।

भारतीय मुक्केबाजी संघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, “यह भारत का सबसे बड़ा मुक्केबाजी टूर्नामेंट है और हमारे देश के मुक्केबाजी प्रशंसकों को अपने घर में दुनिया के बेहतरीन मुक्केबाजों को देखने का मौका मिलेगा। मुझे यकीन है कि भारत इस टूर्नामेंट में पदक जीतेगा और विश्व मुक्केबाजी में अपनी साख बनाने का प्रयास करेगा।”

प्रत्येक स्वर्ण पदक के बदले खिलाड़ियों को 2500 डॉलर मिलेंगे जबकि रजत जीतने वाले खिलाड़ियों को 1000 डॉलर मिलेंगे। इसके अलावा कांस्य जीतने वाले खिलाड़ियों को 500 डॉलर का पुरस्कार मिलेगा। पुरुष वर्ग में 11 कटेगरी हैं जबकि महिला वर्ग में 10 कटेगरी में मुकाबले होंगे।

विदेशी मुक्केबाज, जिन पर मुख्य रूप से नजर रहेगी, उनमें क्यूबा के राबी अर्माडो मार्टिनेज हैं। मार्टिनेज एक प्रो मुक्केबाज हैं और क्यूबा के महान मुक्केबाज अर्टमांडो मार्टिनेज सीनियर के पुत्र हैं।

राबी क्यूबा के पूर्व राष्ट्रीय चैम्पियन रहे हैं और उनके पास काफी अनुभव है। इसके बाद 2013 एआईबीए वर्ल्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में रजत जीतने वाले अरिसनोइड देसपेंगे का नाम आता है। देसपेंगे एक ऑर्थोडॉक्स मुक्केबाज हैं। वह पेशेवर नहीं बने लेकिन बीते सीजन में वल्र्ड बॉक्सिंग सीरीज में 69 किलोग्राम कटेगरी में काफी सफल रहे थे।

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आर्सीन फोकोउ फोसो अफ्रीकन नेशंस चैम्पियन हैं और एआईबीए वर्ल्ड चैम्पियनशिप में कांस्य जीतने के अलावा वह तीन बार कैमरून के राष्ट्रीय चैम्पियन रहे हैं। वह 91 प्लस कटेगरी में चुनौती पेश करेंगे।

इस प्रतियोगिता में मंगोलिया के ध्वजवाहक मुंख इर्डिन उरानचिमेग होंगे। वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहद सफल रहे हैं। वह दो बार के विश्व चैम्पियन, एशियाई चैम्पियन और 2012 के लंदन ओलम्पिक में कांस्य पदक विजेता हैं।

फिनलैंड की पोटकोनेन मीरा मारजुट और पनामा की बेलोन एथेना क्रमश: लाइटवेट और मिडिलवेट कटेगरी में सबसे बड़ा नाम हैं। इनके पास काई अनुभव है और ये खाली हाथ लौटने के लिए भारत नहीं पहुंची हैं।

जहां तक भारतीय चुनौती का सवाल है तो हर बार की तरह इस बार भी भारत का नेतृत्व पांच बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकोम करेंगी। इस क्रम में उनका साथ अनुभवी सरिता देवी, सोनिया लाठर, साक्षी चोपड़ा औ्र पूजा रानी देंगी। ये खिलाड़ी स्वर्ण पर निशाना लगाएंगी।

इसके अलावा 40 भारतीय पुरुष भी अपनी चुनौती पेश करेंगे, जिनमें शिवा थापा (60 किग्रा), देवेंद्रो सिंह, सचिन सिवाच, मनोज कुमार, गौरव सोलंकी औ्र मोहम्मद हुसामुद्दीन प्रमुख हैं।

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